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महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का स्नान: भीड़ और आस्था का अद्भुत दृश्य

महाकुंभ में माघ पूर्णिमा स्नान

महाकुंभ मेले में माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर स्नान का सिलसिला जारी है। संगम तट से लेकर 15 किलोमीटर के दायरे में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। शाम 6 बजे तक करीब 2 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। इस दौरान श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से 25 क्विंटल फूल बरसाए गए, जिससे आध्यात्मिक माहौल और भी मनमोहक हो गया।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। लेटे हनुमान मंदिर, अक्षयवट और डिजिटल महाकुंभ सेंटर को बंद रखा गया है, ताकि श्रद्धालु जल्दी से जल्दी मेला क्षेत्र से बाहर निकल सकें। माघ पूर्णिमा के साथ ही कल्पवास का समापन भी हो गया है। संगम स्नान के बाद करीब 10 लाख कल्पवासी यहां से विदा हुए।

सुरक्षा के लिए संगम तट पर पैरामिलिट्री फोर्स के जवान तैनात हैं। श्रद्धालुओं को संगम पर रुकने नहीं दिया जा रहा है, ताकि भीड़ न बढ़े। प्रयागराज जाने वाले मार्गों पर भीषण ट्रैफिक जाम के कारण यातायात योजना में बदलाव किया गया है। शहर में वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है, जिसके चलते श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचने के लिए 8 से 10 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ रहा है। हालांकि, पार्किंग से शटल बसें चलाई जा रही हैं, लेकिन ये बेहद सीमित संख्या में हैं।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, माघ पूर्णिमा स्नान का मुहूर्त शाम 7.22 बजे तक रहा। 13 जनवरी से अब तक 48.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। अब 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर आखिरी स्नान पर्व होगा, जिसमें एक बार फिर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है।

महाकुंभ का यह आयोजन न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था और सामूहिक संगठन का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

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Author: ainewsworld

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