भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ-2025 मानवता के लिए एक ‘महायज्ञ’ साबित हुआ है। यह आयोजन आस्था, एकता और समानता का अनूठा संगम है। महाशिवरात्रि के पवित्र स्नान के साथ ही यह महाकुंभ अपने समापन की ओर बढ़ रहा है।

45 दिनों में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लिया स्नान
महाकुंभ-2025 की शुरुआत 13 जनवरी, पौष पूर्णिमा के दिन हुई थी और यह 26 फरवरी, महाशिवरात्रि तक चलेगा। इन 45 दिनों में 66 करोड़ 21 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी (गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम) में स्नान करके पुण्य प्राप्त किया है। यह आंकड़ा विश्व इतिहास में अभूतपूर्व है और इसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
साधु-संतों और अखाड़ों का आशीर्वाद
इस महाकुंभ की सफलता का श्रेय पूज्य अखाड़ों, साधु-संतों, महामंडलेश्वरों और धर्माचार्यों के आशीर्वाद को जाता है। उनके आशीर्वाद से ही यह समरसता का महासमागम इतना दिव्य और भव्य बन पाया है। यह महाकुंभ पूरे विश्व को एकता और शांति का संदेश दे रहा है।
श्रद्धालुओं और कल्पवासियों का योगदान
इस महान आयोजन की सफलता के पीछे देश-विदेश से आए सभी श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और गणमान्य लोगों का योगदान रहा है। उनकी आस्था और समर्पण ने इस महाकुंभ को और भी खास बना दिया।
प्रशासन और स्वयंसेवकों की मेहनत
महाकुंभ के सुव्यवस्थित आयोजन के लिए महाकुंभ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छता कर्मियों, गंगा दूतों, स्वयंसेवी संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, नाविकों और केंद्र व राज्य सरकार के सभी विभागों को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया जाता है। इन सभी ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया है।
प्रयागराज वासियों का आतिथ्य सत्कार
विशेष रूप से प्रयागराज के निवासियों का धन्यवाद करना चाहिए, जिनके धैर्य और आतिथ्य सत्कार ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके सहयोग के बिना यह आयोजन इतना सफल नहीं हो पाता।
माँ गंगा और भगवान बेनी माधव का आशीर्वाद
अंत में, हम माँ गंगा और भगवान बेनी माधव से प्रार्थना करते हैं कि वे सभी का कल्याण करें और सभी को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करें। यह महाकुंभ सभी के लिए मंगलमय हो और पूरे विश्व में एकता और शांति का संदेश फैलाए।
नोट: महाकुंभ-2025 ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को आस्था और एकता का संदेश दिया है। यह आयोजन हमें यह याद दिलाता है कि मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है।

Author: ainewsworld



