रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह 05 मार्च 2024 को नौसेना बेस कारवार में दो प्रमुख तटबंधों और नौसेना के अधिकारियों व रक्षा क्षेत्र के असैन्य कर्मियों के लिए 320 निवास गृहों तथा अधिकारियों के 149 एकल आवास वाले सात आवासीय भवनों का उद्घाटन करेंगे।
प्रोजेक्ट सीबर्ड के पहले चरण को 10 जहाजों को समायोजित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया था और इसे साल 2011 में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया था। इसके बुनियादी ढांचे में एक ब्रेकवॉटर, 10 जहाजों को खड़ा करने में सक्षम एक तटबंध, 10,000 टन का जहाज लिफ्ट और ड्राई बर्थ, नौसेना के जहाजों के लिए एक मरम्मत यार्ड, लॉजिस्टिक्स एवं हथियार भंडारण सुविधाएं, 1000 कर्मियों के लिए आवास, एक मुख्यालय/डिपो संगठन तथा 141 बिस्तरों वाला नौसेना का एक अस्पताल शामिल है।
इस परियोजना के दूसरे चरण के लिए सीसीएस (केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति) की मंजूरी के अनुसार 23 यार्डक्राफ्ट के साथ 32 जहाजों और पनडुब्बियों की बर्थिंग दी गई थी। इसके बाद चरण IIए की पहल उन इमारतों एवं संरचनाओं के निर्माण के लिए भी की गई है, जो पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ) तथा इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) द्वारा निर्धारित वर्तमान दिशानिर्देशों का पालन करते हैं। चरण IIए के तहत समुद्री गतिविधियों में नौसेना के जहाजों/पनडुब्बियों को समायोजित करने के उद्देश्य से तैयार किए गए खंभे, 6 किलोमीटर से अधिक की बर्थिंग जगह, तकनीकी सुविधाएं, विद्युत सबस्टेशन, स्विच गियर और सहायक व्यवस्थाएं शामिल हैं। चरण IIए के अंतर्गत किये जाने वाले कार्यों का केंद्र-बिंदु एक अनुप्रतीकात्मक कवर्ड ड्राई बर्थ है, जो 75 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ऊंचाई के मामले में यह दिल्ली में कुतुब मीनार से भी ऊपर है और 33000 वर्ग मीटर भूमि क्षेत्र में फैला हुआ है। इस ड्राई बर्थ को चार बड़े जहाजों की एक साथ डॉकिंग तथा व्यापक बंद रखरखाव की सुविधा के लिए बनाया गया है।
चरण-IIए में अधिकारियों और वरिष्ठ एवं कनिष्ठ नाविकों तथा रक्षा असैन्य कर्मचारियों के लिए सभी प्रकार की लगभग 10,000 आवास इकाइयों के साथ आवासीय भवनों को शामिल करते हुए चार अलग-अलग टाउनशिप का निर्माण किया जा रहा है। 2700 मीटर के रनवे और सिविल-एन्क्लेव के साथ एक ग्रीन फील्ड दोहरे उपयोग वाले नेवल एयर स्टेशन की स्थापना से नौसेना के विभिन्न जहाजों पर चढ़ने वाले विमानों को हवाई सहायता मिलेगी। इससे वाणिज्यिक विमान उड़ानों के संचालन में भी सुविधा होगी।
नौसेना बेस कारवार में वर्तमान में चल रही निर्माण गतिविधियों ने प्रत्यक्ष रूप से लगभग 7,000 कर्मियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए हैं और अप्रत्यक्ष रूप से पूरे देश में लगभग 20,000 नौकरियां उत्पन्न हुई हैं। बुनियादी ढांचे के विकास को आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांतों के साथ जोड़ा गया है, जिसमें 90% से अधिक सामग्री व उपकरण देश के भीतर से ही प्राप्त किए जा रहे हैं। इस परियोजना के निष्पादन में एईसीओएम इंडिया लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो, आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया लिमिटेड, नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी, नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड और शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप जैसे प्रसिद्ध भारतीय उद्योग बुनियादी ढांचे के अग्रणी निर्माता शामिल हैं।
एक बार पूरी तरह से क्रियान्वित होने के बाद 25 किलोमीटर के विस्तार में फैली नौसेना टाउनशिप में रहने वाले अनुमानित 50,000 व्यक्तियों के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान देने की उम्मीद है। नौसेना डॉकयार्ड की स्थापना और जहाजों की रखरखाव की आवश्यकता इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगी। इस विकास से आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ-साथ उत्तर कन्नड़ क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित होने तथा स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के नए अवसर सामने आने की भी उम्मीद है। यह नेवल एयर स्टेशन, सिविल एन्क्लेव के साथ, उत्तर कर्नाटक क्षेत्र में हवाई कनेक्टिविटी में सुधार करने व उत्तरी कर्नाटक और दक्षिण गोवा दोनों में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। पूर्ण परिचालन के आधार पर लगभग 8,000 कर्मियों को सरकारी रोजगार उपलब्ध कराए जाने का अनुमान है।