कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने देश भर में लाखों अभ्यर्थियों के लिए अपनी परीक्षाओं को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और अभ्यर्थी-अनुकूल बनाने के लिए कई अहम सुधारों को लागू किया है। ये कदम परीक्षा प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा (Integrity) को मजबूत करते हुए अभ्यर्थियों के हितों को संरक्षण प्रदान करते हैं .
मुख्य सुधार
· पारदर्शिता बढ़ोतरी: अब एसएससी परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थी अपना प्रश्न पत्र, दिए गए अपने उत्तर और सही उत्तर कुंजी देख सकते हैं। इससे उन्हें अपने उत्तरों की समीक्षा करने और आवश्यकता पड़ने पर आधिकारिक उत्तर कुंजी को प्रमाण सहित चुनौती देने का अवसर मिलेगा .
· चुनौती शुल्क में कमी: अभ्यर्थियों पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए, प्रश्नों को चुनौती देने का शुल्क 100 रुपये से घटाकर 50 रुपये प्रति प्रश्न कर दिया गया है .
· सुरक्षा उपाय: परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण, डिजिटल वॉल्ट के जरिए प्रश्नपत्रों का सुरक्षित प्रसारण और विशेष आईटी एजेंसियों की मदद से साइबर सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। नियमों का उल्लंघन करने वाले केंद्रों और अभ्यर्थियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है .
· सीधा संवाद: अभ्यर्थियों तक सीधे पहुँचने और भ्रामक जानकारी रोकने के लिए आयोग ने ट्विटर पर अपना आधिकारिक हैंडल (@SSC_GoI) लॉन्च किया है .
हालिया परीक्षा और भविष्य की योजनाएँ
ये सुधार हाल ही में संपन्न संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (सीजीएलई) 2025 के टियर-I में देखने को मिले, जिसमें लगभग 13.5 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया . कुछ केंद्रों पर तकनीकी समस्याएँ आने के बाद, एसएससी ने 14 अक्टूबर को पुनः परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है। प्रभावित अभ्यर्थियों को ईमेल और एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा तथा प्रश्न चुनौती प्रक्रिया 15 अक्टूबर से शुरू होगी .
आयोग ने अक्टूबर 2025 से मार्च 2026 के बीच आगामी प्रमुख परीक्षाओं की योजना भी जारी की है, जिनमें संयुक्त उच्चतर माध्यमिक स्तर (सीएचएसएलई), मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस), जूनियर इंजीनियर (जेई) और विभिन्न पदों पर कांस्टेबल व सब-इंस्पेक्टर की परीक्षाएँ शामिल हैं .
अपने स्वर्ण जयंती वर्ष के करीब पहुँचते हुए, एसएससी ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता के प्रति अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराया है .

Author: ainewsworld



