नई दिल्ली, 04अक्टूबर 2025: निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा के आगामी आम चुनाव और कुछ राज्यों में होने वाले उप-चुनावों के लिए 425 केंद्रीय पर्यवेक्षकों की एक संक्षिप्त बैठक का आयोजन किया। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) श्री ज्ञानेश कुमार ने पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए उन्हें ‘लोकतंत्र का प्रकाश स्तंभ’ बताया।
यह बैठक नई दिल्ली स्थित भारतीय लोकतांत्रिक संस्थान प्रबंधन संस्थान (IIIDEM) में आयोजित की गई, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार के अलावा चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी भी उपस्थित थे।
कौन हैं केंद्रीय पर्यवेक्षक?
चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त इन अधिकारियों को ‘आयोग की आंख और कान’ की भूमिका निभानी होती है। इन पर्यवेक्षकों का दल 287 आईएएस, 58 आईपीएस और 80 आईआरएस/आईआरएएस/आईसीएएस तथा अन्य सेवाओं के अधिकारियों से मिलकर बना है। संविधान के अनुच्छेद 324 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20B के तहत प्रदत्त शक्तियों से इन्हें स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपा गया है।
पर्यवेक्षकों को क्या दिए गए निर्देश?
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने पर्यवेक्षकों को निम्नलिखित प्रमुख निर्देश दिए:
· चुनाव से जुड़े सभी कानूनों, नियमों और दिशा-निर्देशों की गहन जानकारी रखें।
· क्षेत्र की प्रत्यक्ष रिपोर्ट आयोग को प्रदान करें और नियमों के कड़ाई व निष्पक्ष अनुपालन को सुनिश्चित करें।
· राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं की शिकायतों के निवारण के लिए हमेशा पूरी तरह से उपलब्ध रहें।
· मतदान केंद्रों का नियमित दौरा करें और मतदाताओं की सुविधा के लिए आयोग द्वारा शुरू की गई नई पहलों के क्रियान्वयन पर नजर रखें।
इन चुनावों में पर्यवेक्षकों की भूमिका क्षेत्रीय स्तर पर चुनाव प्रक्रिया के कुशल और प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

Author: ainewsworld



