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राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2024 प्रदान किए

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2024 प्रदान किए। ये पुरस्कार भूविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिए गए।

इस अवसर पर दिए गए अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने खनिजों को मानव सभ्यता के विकास की आधारशिला बताया। उन्होंने कहा कि पाषाण युग से लेकर आधुनिक औद्योगिक युग तक के विकास में खनिजों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि खनन आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के अवसर तो प्रदान करता है, लेकिन इसके पर्यावरणीय प्रतिकूल प्रभावों जैसे विस्थापन, वनों की कटाई और प्रदूषण को कम करने के लिए नियमों का सख्ती से पालन आवश्यक है。

राष्ट्रपति ने भूवैज्ञानिकों से समुद्री संसाधनों का दोहन करते हुए समुद्री जैव विविधता की रक्षा के लिए नई तकनीकें विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने खान मंत्रालय द्वारा खनन क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), मशीन लर्निंग और ड्रोन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना की。

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में दुर्लभ मृदा तत्वों (Rare Earth Elements – REE) पर विशेष ध्यान देते हुए कहा कि ये तत्व आधुनिक प्रौद्योगिकी, रक्षा प्रणालियों और स्वच्छ ऊर्जा समाधानों की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थितियों में भारत के लिए इनके उत्पादन में आत्मनिर्भर होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुर्लभ मृदा तत्वों को परिष्कृत करने की जटिल प्रक्रिया में दक्षता हासिल करना और स्वदेशी तकनीक विकसित करना राष्ट्रीय हित में एक बड़ा योगदान होगा।

यह समारोह देश के भूवैज्ञानिकों के योगदान को मान्यता देने और खनन क्षेत्र में स्थिरता, नवाचार और आत्मनिर्भरता के नए मानक स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

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Author: ainewsworld

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