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ट्राइफेड ने आदिवासी उद्यमिता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए रिलायंस रिटेल, एचसीएल फाउंडेशन और तोराजामेलो इंडोनेशिया के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए

आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण और उद्यमिता विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, ट्राइफेड (ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने रिलायंस रिटेल, एचसीएल फाउंडेशन और तोराजामेलो इंडोनेशिया के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी आदिवासी समुदायों को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से जोड़ने, उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और आदिवासी उत्पादों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रमोट करने के लिए की गई है।

ट्राइफेड लंबे समय से आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण के लिए अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इन प्रतिष्ठित संगठनों के साथ सहयोग करके, ट्राइफेड का उद्देश्य ग्रामीण भारत के लाखों आदिवासियों को उनके अद्वितीय उत्पादों और व्यवसायों को प्रदर्शित करने के अवसर प्रदान करना है।

यह समझौता ज्ञापन 19 फरवरी 2025 को ‘आदि महोत्सव’ के दौरान नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित एक समारोह में हस्ताक्षरित किए गए। यह महोत्सव 16 से 24 फरवरी 2025 तक चला और आदिवासी संस्कृति और उत्पादों को समर्पित था। यह समझौता B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) दृष्टिकोण को लागू करने और आदिवासी उत्पादों के बाजार को विस्तारित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे इन उत्पादों का सतत विकास और विस्तार सुनिश्चित होगा।

इस समारोह में ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक श्री आशीष चटर्जी की उपस्थिति में एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। अन्य प्रतिनिधियों में रिलायंस रिटेल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री प्रदीप रामचंद्रनएचसीएल फाउंडेशन की ग्लोबल सीएसआर प्रमुख डॉ. निधि पुंढीर, और तोराजामेलो इंडोनेशिया की सीईओ सुश्री अपर्णा सक्सेना भटनागर शामिल थीं। इन सभी ने भारत भर के आदिवासी समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।

साझेदारी के मुख्य उद्देश्य:

  1. रिलायंस रिटेल के साथ सहयोग:
    • रिलायंस रिटेल के साथ हुए समझौता ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य आदिवासी उत्पादों की थोक आपूर्ति को सुविधाजनक बनाना है। यह साझेदारी आदिवासी उत्पादों की सतत सोर्सिंग, ब्रांडिंग और प्रचार-प्रसार में भी मदद करेगी। रिलायंस रिटेल के व्यापक नेटवर्क का लाभ उठाकर, आदिवासी कारीगरों और उद्यमियों को एक बड़े उपभोक्ता वर्ग तक पहुंच मिलेगी, जिससे उनकी आय और बाजार में पहचान बढ़ेगी।
  2. एचसीएल फाउंडेशन के साथ साझेदारी:
    • एचसीएल फाउंडेशन के साथ यह सहयोग आदिवासी समुदायों के सामाजिक-आर्थिक ढांचे को मजबूत करने पर केंद्रित है। इसमें कौशल विकास, क्षमता निर्माण और आदिवासी कारीगरों के लिए सतत आजीविका के अवसर सृजित करना शामिल है। एचसीएल फाउंडेशन की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) में विशेषज्ञता आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने और उन्हें मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
  3. तोराजामेलो इंडोनेशिया के साथ गठजोड़:
    • तोराजामेलो इंडोनेशिया के साथ यह साझेदारी आदिवासी उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने पर केंद्रित है। इंडोनेशियाई कारीगरों को सशक्त बनाने में अपनी भूमिका के लिए मशहूर तोराजामेलो, ट्राइफेड के साथ मिलकर भारतीय आदिवासी उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार तैयार करेगा। यह गठजोड़ न केवल आदिवासी शिल्प की दृश्यता बढ़ाएगा, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।

सतत आदिवासी सशक्तिकरण की ओर एक कदम:

ये समझौता ज्ञापन आदिवासी विकास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, जिसमें कॉर्पोरेट संस्थाओं, गैर-सरकारी संगठनों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की ताकत को एक साथ लाया गया है। सतत सोर्सिंग, ब्रांडिंग और बाजार विस्तार पर ध्यान केंद्रित करके, ट्राइफेड और इसके साझेदार आदिवासी उत्पादों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का लक्ष्य रखते हैं। यह पहल न केवल आदिवासी समुदायों की आय में वृद्धि करेगी, बल्कि उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित और प्रमोट करेगी।

आदि महोत्सव, जहां यह समझौता हुआ, सरकार के आदिवासी कल्याण के प्रति समर्पण का प्रतीक है। यह आदिवासी कारीगरों को अपनी कला का प्रदर्शन करने, खरीदारों से जुड़ने और भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक परिदृश्य में उनके योगदान को मान्यता देने का एक मंच प्रदान करता है।

निष्कर्ष:

ट्राइफेड की रिलायंस रिटेल, एचसीएल फाउंडेशन और तोराजामेलो इंडोनेशिया के साथ साझेदारी आदिवासी सशक्तिकरण के सफर में एक नया अध्याय है। आदिवासी समुदायों और मुख्यधारा के बाजारों के बीच की खाई को पाटकर, यह सहयोग भारत के आदिवासी समुदायों के लिए सतत विकास, आर्थिक स्थिरता और सांस्कृतिक संरक्षण सुनिश्चित करेगा। यह पहल इस बात का एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे सार्वजनिक-निजी साझेदारी सार्थक बदलाव ला सकती है और वंचित समुदायों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य बना सकती है।

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Author: ainewsworld

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