डिजिटल इंडिया की बदौलत अब पेंशनर्स को नहीं लगाने पड़ेंगे बैंकों के चक्कर, चेहरा स्कैन कर घर बैठे जमा कर सकेंगे जीवन प्रमाण पत्र
केंद्र सरकार ने देशभर के पेंशनभोगियों के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 4.0 की शुरुआत कर दी है। यह अभियान 1 से 30 नवंबर, 2025 तक चलेगा और इसका लक्ष्य देश के 2,000 से अधिक शहरों और कस्बों में दो करोड़ पेंशनभोगियों तक पहुंचना है ।
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय के इस पहल के तहत पेंशनर्स को अब हर साल बैंक या सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वे अपने स्मार्टफोन से ही आसानी से जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकेंगे 。
डिजिटल इंडिया का ऐतिहासिक सफर
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान, डिजिटल इंडिया मिशन का ही एक अहम हिस्सा है जो इस साल अपने 10 साल पूरे कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया को “जन आंदोलन” बताते हुए कहा है कि यह सिर्फ सरकारी कार्यक्रम नहीं रह गया बल्कि लोगों का आंदोलन बन गया है ।
पिछले एक दशक में डिजिटल इंडिया ने भारत को तकनीकी रूप से उन्नत समाज में बदलने का काम किया है। 2014 में जहां देश में केवल 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, आज यह संख्या बढ़कर 97 करोड़ से अधिक हो चुकी है ।
किन्हें मिलेगा लाभ?
सुपर सीनियर सिटिजन: 80 साल से ऊपर के पेंशनर्स के लिए खास सुविधा का प्रावधान है। बैंक और पोस्ट ऑफिस दोनों ही डोरस्टेप सर्विस यानी घर जाकर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की सुविधा दे रहे हैं.
दिव्यांग पेंशनभोगी: इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के एजेंट भी घर पर जाकर यह सेवा प्रदान कर रहे हैं, जिससे सुपर सीनियर सिटिजन और दिव्यांग पेंशनर्स को राहत मिलेगी 。
सभी पेंशनभोगी: ईपीएफओ सहित अन्य संगठनों के पेंशनभोगी भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। EPFO ने भी अपने सदस्यों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने का तरीका आसान बना दिया है 。
कैसे काम करता है डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र?
फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक: वर्ष 2021 में शुरू की गई आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के उपयोग को इस अभियान में और बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पेंशनभोगियों को बायोमेट्रिक उपकरणों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा और वे स्मार्टफोन के जरिए ही घर बैठे आसानी से जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकेंगे 。
आसान प्रक्रिया: पेंशनर्स को बस Aadhaar Face RD App और Jeevan Pramaan App डाउनलोड करना होगा। फेस स्कैन करने और कुछ जानकारियां दर्ज करने के बाद ही जीवन प्रमाण पत्र जमा हो जाएगा 。
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की चरण-दर-चरण प्रक्रिया
1. ऐप डाउनलोड करें: अपने एंड्रॉयड मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर से ‘आधार फेस आरडी’ और ‘जीवन प्रमाण’ ऐप डाउनलोड करें ।
2. फेस स्कैन करें: फेस आरडी ऐप में जाकर अपना चेहरा स्कैन करें ।
3. विवरण दर्ज करें: जीवन प्रमाण ऐप में आधार नंबर, मोबाइल नंबर और अन्य जरूरी जानकारी डालें ।
4. ओटीपी से सत्यापन: मोबाइल पर आए ओटीपी को दर्ज करके वेरिफाई करें ।
5. सबमिट करें: फेस स्कैन पूरा होने पर सर्टिफिकेट सबमिट कर दें और प्रमाण आईडी प्राप्त करें ।
पिछले अभियानों ने दिखाई कामयाबी
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान के पिछले संस्करणों को पेंशनभोगियों का भारी समर्थन मिला है। वर्ष 2024 में आयोजित डीएलसी अभियान 3.0 में 1.62 करोड़ से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जनरेट किए गए, जिनमें से 50 लाख फेस ऑथेंटिकेशन द्वारा जनरेट किए गए थे 。
डीएलसी अभियान 4.0 की प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि बैंकों, आईपीपीबी, यूआईडीएआई और पेंशनभोगी कल्याण संघों के संयुक्त प्रयासों से इस वर्ष 2 करोड़ डीएलसी के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा 。
डिजिटल सशक्तिकरण की ओर बढ़ते कदम
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान, डिजिटल इंडिया की उस व्यापक दृष्टि का हिस्सा है जिसमें डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए समावेशी विकास पर जोर दिया गया है। भारत की डिजिटल सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) की वैश्विक स्तर पर सराहना की गई है 。
इंडिया स्टैक, जो भारत की डिजिटल रीढ़ है, ने यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म को सक्षम बनाया है जो अब सालाना 100 अरब से अधिक लेन-देन करता है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से 44 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे नागरिकों को हस्तांतरित की गई है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हुई है और 3.48 लाख करोड़ रुपये की लीकेज रोकी गई है 。
बुजुर्गों के डिजिटल सशक्तिकरण की चुनौती
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के बुजुर्ग लोगों को तकनीक सशक्त बना सकती है, लेकिन डिजिटल कौशल के बगैर उनके अलग-थलग पड़ जाने की आशंका अधिक है 。
एजवेल फाउंडेशन द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक, भारत के लगभग 85 प्रतिशत वृद्ध लोग डिजिटल रूप से अशिक्षित हैं। इसका मतलब है कि 76.5 प्रतिशत उम्रदराज पुरुषों और 95 प्रतिशत बुजुर्ग महिलाओं को लगता है कि उनके पास डिजिटल हुनर न होने की वजह से उनकी बेहतरी पर बुरा असर पड़ता है 。
समन्वित प्रयासों से सफलता
इस अभियान के दौरान, श्रीमती मंजू गुप्ता, उप निदेशक, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, भारत सरकार, ने 2 नवंबर, 2025 को पटना, बिहार के शिविरों में जाकर पेंशनभोगियों से डिजिटल सेवाओं का लाभ उठाने के संबंध में चर्चा की 。
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अधिकारी ने पटना दौरे के दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ पेंशनभोगियों के घर जाकर डीएलसी जनरेट किया और फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का उपयोग करके जीवनप्रमाण जमा करने में मदद की 。
इस अभियान को दूरदर्शन, आकाशवाणी, पीआईबी विज्ञप्तियों और सोशल मीडिया आउटरीच के माध्यम से व्यापक कवरेज मिला है, जिससे डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के बारे में जागरूकता और बढ़ी है 。
राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 4.0 भारत के डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को आसान बना रहा है बल्कि डिजिटल इंडिया के समावेशी चरित्र को भी रेखांकित कर रहा है। जैसे-जैसे यह अभियान देश के सुदूर कोनों तक पहुंचेगा, यह डिजिटल भारत के सपने को और मजबूती से साकार करेगा।
Author: ainewsworld
