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स्वस्थ नारी, सशक्त राष्ट्र: आयुष मंत्रालय का अनूठा अभियान शुरू, महिला स्वास्थ्य पर होगा जोर

नई दिल्ली: देश की आधी आबादी, यानी महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण को समर्पित एक बड़े राष्ट्रीय अभियान में आयुष मंत्रालय भी अब जुड़ गया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान में आयुष मंत्रालय अपनी पूरी ताकत के साथ शामिल हुआ है, जिससे इस पहल को एक नया आयाम और प्रामाणिकता मिलेगी।

यह केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बनने जा रहा है। इस 16-दिवसीय व्यापक अभियान में केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ आयुष शोध संस्थान, शैक्षणिक संस्थान, एनजीओ, सहकारी समितियां और यहां तक कि निजी क्षेत्र भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेगा।

क्या खास होगा इस अभियान में?

इस अभियान की खास बात यह है कि इसमें आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों (आयुष) का अनूठा मेल देखने को मिलेगा। अभियान के तहत निम्नलिखित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी:

· विशेष स्वास्थ्य शिविर: इन शिविरों में महिलाओं और बच्चों में एनीमिया, गैर-संचारी रोग (एनसीडी) जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, टीबी, सिकल सेल और खासतौर पर पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) की जांच और आयुष आधारित उपचार परामर्श पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
· योग और प्रकृति परीक्षण: अभियान में जीवनशैली में सुधार के लिए परामर्श, नियमित योग सत्र और ‘प्रकृति परीक्षण’ कियोस्क लगाए जाएंगे, जहाँ महिलाओं को प्रकृति के करीब रहकर स्वस्थ रहने के तरीके बताए जाएंगे।
· जागरूकता और शिक्षा: स्कूलों में कैंप, रैलियाँ, रेडियो, टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से पोषण, स्वच्छता और मातृ-शिशु स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जाएगी।
· घरेलू उपचार की शक्ति: लोगों को घरेलू उपचार किट और पोषण किट वितरित की जाएंगी। साथ ही, सामान्य औषधीय पौधों और हर्बल चाय के फायदों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
· कॉर्पोरेट जगत के लिए राहत: दिलचस्प बात यह है कि इस अभियान में आयुर्वेद और योग के माध्यम से कॉर्पोरेट बर्नआउट (तनाव और थकान) से निपटने के तरीकों पर भी चर्चा होगी, जिससे कामकाजी महिलाओं को विशेष लाभ मिलेगा।

“स्वस्थ नारी” का व्यापक दृष्टिकोण

यह अभियान महिला स्वास्थ्य को केवल एक हद तक सीमित नहीं करता। इसका लक्ष्य एक महिला के जीवन के हर पड़ाव पर उसके स्वास्थ्य का ख्याल रखना है – गर्भावस्था से लेकर वृद्धावस्था की प्रशामक देखभाल (Palliative Care) तक। स्वयं सहायता समूह (Self-Help Groups) ग्राम पंचायत स्तर पर इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे और शपथ ग्रहण कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय को जोड़ा जाएगा।

सोशल मीडिया पर #आयुषस्वस्थनारी

अभियान को डिजिटल रूप से सक्रिय बनाने के लिए सोशल मीडिया पर दैनिक आयुष स्वास्थ्य सुझाव साझा किए जाएंगे। इनमें #एनीमिया_मुक्त_महिलाएं, #स्वस्थ_मां, #तनाव_मुक्त_जीवन, #हर्बल_पोषण और #हड्डियों_का_स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित जानकारी दी जाएगी, ताकि हर महिला अपनी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का समाधान अपने स्मार्टफोन पर ही पा सके।

निस्संदेह, आयुष मंत्रालय के इस कदम से “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान को एक नई ऊर्जा मिलेगी। यह पहल इस सच्चाई को रेखांकित करती है कि एक स्वस्थ महिला ही एक सशक्त परिवार, एक सशक्त समुदाय और ultimately एक सशक्त राष्ट्र की नींव रखती है।

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Author: ainewsworld

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