तिरुपति, 15 सितंबर: लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज कहा कि गाँव से निकली बेटियाँ अब देश और दुनिया में नेतृत्व कर रही हैं और महिलाओं का यह नेतृत्व देश के आर्थिक-सामाजिक क्षेत्र में बदलाव की विशेष भूमिका निभा रहा है। श्री बिरला यहाँ प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में संसद तथा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की महिला सशक्तिकरण समितियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
श्री बिरला ने कहा, “जनता ने हमें जो नेतृत्व क्षमता दी है, उसका लाभ समाज की अंतिम महिला को मिले, यही हमारा संकल्प है।” उन्होंने महिला सशक्तिकरण को केवल एक सामाजिक आवश्यकता नहीं बल्कि आर्थिक अनिवार्यता बताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल और उद्यमिता में निवेश करके भारत मानव पूंजी के विशाल भंडार को उजागर कर सकता है और विकास का एक समावेशी मॉडल तैयार कर सकता है ।
‘तिरुपति प्रस्ताव’ का अनुमोदन
इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान ‘तिरुपति प्रस्ताव’ को सर्वसम्मति से अपनाया गया। इस प्रस्ताव में महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्यमिता और डिजिटल समावेशन को आगे बढ़ाने की बात कही गई है। प्रस्ताव में लैंगिक बजटन को संस्थागत बनाने, डिजिटल विभाजन को पाटने, साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने और STEM क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया है ।

Author: ainewsworld



