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सीपी राधाकृष्णन होंगे देश के अगले उपराष्ट्रपति, 452 वोट के साथ चुनाव में दर्ज की जीत.

देश कोआज अपना नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हराया है। राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने शाम 7:30 बजे चुनाव परिणामों की औपचारिक घोषणा करते हुए बताया कि राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट ही मिल सके।

🗳️ मतगणना का विस्तृत ब्योरा

· कुल मतदान: 767 सांसदों ने डाले वोट
· वैध मत: 752
· अमान्य मत: 15
· मतदान प्रतिशत: 98.2%
· जीत के लिए आवश्यक मत: 391

🇮🇳 ऐतिहासिक पल और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

· विजय स्वीकार: विपक्षी उम्मीदवार जस्टिस रेड्डी ने हार स्वीकार करते हुए कहा, “मैं हमारे महान गणतंत्र की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अटूट विश्वास के साथ इस परिणाम को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूँ…”
· भाजपा का दावा: भाजपा ने चुनाव में क्रॉस वोटिंग का दावा किया, हालाँकि विपक्ष ने इससे इनकार किया ।
· विपक्ष का रुख: कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि विपक्ष का वोट शेयर 26% से बढ़कर 40% हुआ है, जो एक सकारात्मक संकेत है ।

📊 चुनाव पूर्व राजनीतिक समीकरण

· एनडीए का समर्थन: आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस (11 सांसद) ने एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किया ।
· विपक्ष का समर्थन: ओवैसी की एआईएमआईएम ने विपक्ष के उम्मीदवार का समर्थन किया ।
· तटस्थ दल: बीजू जनता दल (बीजेडी), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव से दूरी बनाई ।

🔍 राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर

· जन्म: 20 अक्टूबर 1957, तिरुप्पुर, तमिलनाडु
· शिक्षा: बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक
· राजनीतिक शुरुआत: आरएसएस स्वयंसेवक के रूप में, 1974 में जनसंघ की सदस्यता
· संसदीय अनुभव: 1996 में कोयंबटूर से सांसद बने, संसदीय समितियों में अहम भूमिका
· हालिया पद: महाराष्ट्र के राज्यपाल और केरल में बीजेपी प्रभारी

🤔 उपराष्ट्रपति चुनाव की खास बातें

· उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल सांसद वोट डालते हैं, विधायक नहीं ।
· मनोनीत सांसद भी वोट डाल सकते हैं ।
· चुनाव Single Transferable Vote प्रणाली से होता है ।

🏛️ नए उपराष्ट्रपति की भूमिका

उपराष्ट्रपति संवैधानिक रूप से राज्यसभा के सभापति होते हैं और राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उनकी भूमिका निभाते हैं। राधाकृष्णन का चुनाव भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता को दर्शाता है, जहाँ विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है।

📣 आगे की राह

सीपी राधाकृष्णन के सामने अर्थव्यवस्था, सामाजिक सद्भाव और संसदीय प्रक्रियाओं को सुचारु रखने की चुनौती होगी। विपक्ष ने भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए चुनाव परिणाम स्वीकार किया है, जो लोकतंत्र के लिए एक स्वस्थ संकेत है.

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Author: ainewsworld

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