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पांच साल से अटकी थर्ड ग्रेड शिक्षकों की पदोन्नति पर फैसला जल्दी ही होगा

10 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सभी पक्षों को उपस्थित रहने के निर्देश

40 हजार से अधिक विषय अध्यापकों के पद खाली

शिक्षा विभाग में थर्ड ग्रेड से सेकेंड ग्रेड शिक्षकों की पिछले 5 साल से अटकी पदोन्नति का मामला सितंबर में सुलझ सकता है सुप्रीम कोर्ट ने 10 सितंबर की अगली सुनवाई तय करते हुए सभी पक्षों को समाचार पत्रों के जरिए उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं माना जा रहा है कि अदालत इस दिन अंतिम फैसला सुना सकती है

क्या है विवाद

वर्ष 2021 में शिक्षा विभाग ने नियम बदले, केवल उसी विषय में डिग्री धारकों को पदोन्नति का पात्र माना जाएगा

एडिशनल विषय वाले शिक्षकों को पात्रता सूची से बाहर कर दिया गया

इससे पहले 2020-21 तक एडिशनल विषय वाले भी पदोन्नत किए जाते थे

2022 की डीपीसी में इन्हें बाहर रखा गया, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई

हाईकोर्ट ने एडिशनल वालों को पात्र मानते हुए पदोन्नति का आदेश दिया, लेकिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी

कितने पद दांव पर

2022-23 से 2024-25 तक: 19,372 पदों पर पदोन्नति होनी थी

2025-26 के नए पद मिलाकर संख्या लगभग 25,000

इतने ही पद सीधी भर्ती से भी भरे जाते हैं

वर्तमान में 40,000 से अधिक वरिष्ठ अध्यापक के पद रिक्त

*क्यों होती है एडिशनल डिग्री की होड़*

वरिष्ठ अध्यापक के विषयवार पद एक समान नहीं होते। कम पद वाले विषयों (जैसे वाणिज्य या कला) के शिक्षक पदोन्नति की संभावना बढ़ाने के लिए हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत जैसे विषयों में पत्राचार से एडिशनल डिग्री हासिल करते हैं

असर: विद्यार्थियों का नुकसान

लगभग 25,000 वरिष्ठ अध्यापक पदों के खाली रहने से कक्षा 9वीं-10वीं में विषय अध्यापक नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है

फैक्ट फाइल

अटकी पदोन्नतियां: 5 साल से

अगली सुनवाई: 10 सितंबर

विवादित पद: 25,000

कुल रिक्त पद: 40,000

प्रभावित छात्र: कक्षा 9वीं-10वीं के लाखों विद्यार्थी

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Author: ainewsworld

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