नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब कानून का रूप दे दिया गया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने इसका आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। आइए, इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को विस्तार से समझते हैं:
मुख्य बिंदु:
- राष्ट्रपति ने दी मंजूरी – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को अपनी स्वीकृति दे दी है, जिसके बाद यह औपचारिक रूप से कानून बन गया है।
- संसद में हुई चर्चा – लोकसभा और राज्यसभा में क्रमशः 2 और 3 अप्रैल को इस विधेयक पर विस्तृत बहस हुई थी। दोनों सदनों में पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।
- लागू होने की तिथि – कानून के प्रभावी होने की तारीख केंद्र सरकार द्वारा अलग से अधिसूचित की जाएगी।
- राजनीतिक विवाद – इस विधेयक को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच तीखी बहस चल रही है। कई दलों ने इसका विरोध किया है, जबकि सरकार का कहना है कि यह वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए जरूरी है।
क्या है वक्फ संशोधन विधेयक?
- वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और नियमन में सुधार लाने के उद्देश्य से यह विधेयक लाया गया है।
- इसके तहत वक्फ बोर्ड के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
- सरकार का दावा है कि इससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर उपयोग हो सकेगा और धार्मिक-सामाजिक कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।
विरोध के कारण:
- कुछ विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि सरकार वक्फ संस्थाओं के मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप कर रही है।
- उनका कहना है कि यह कानून वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को कमजोर कर सकता है।
अब सरकार की ओर से इस कानून के क्रियान्वयन से जुड़े नियम जल्द ही जारी किए जा सकते हैं। इस मुद्दे पर राजनीतिक बहस जारी रहने की उम्मीद है।

Author: ainewsworld



