“त्रिवेणी का प्रभाव, वेणीमाधव की महिमा, सोमेश्वर का आशीर्वाद, ऋषि भारद्वाज की तपोभूमि, भगवान नागराज वसु जी का विशेष स्थान, अक्षयवट की अमरता और भगवान की कृपा – यह सब मिलकर हमारे तीर्थराज प्रयाग को बनाते हैं।’’ January 5, 2025