भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अपने अनुबंधों के लिए बीमा ज़मानत बॉन्डों (आईएसबी) के कार्यान्वयन पर नई दिल्ली में एक वर्कशॉप आयोजित की। इस वर्कशॉप का उद्देश्य बीमा ज़मानत बॉन्ड के कार्यान्वयन में हुई प्रगति की समीक्षा करना और इसे व्यापक रूप से अपनाने हेतु हितधारकों की भागीदारी को बढ़ावा देना था। इस वर्कशॉप को श्री राजेंद्र कुमार, सदस्य (वित्त) एनएचएआई; श्री ए.के. सिंह, सीजीएम (वित्त) एनएचएआई; श्री एन.बी. साठे, सलाहकार, एनएचएआई; और श्रीमती मंदाकिनी बलोधी, निदेशक, वित्तीय सेवा विभाग ने अपने संबोधन दिए। वर्कशॉप में केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों, बीमा कंपनियों, हाईवे ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचओएआई) और नेशनल हाईवे बिल्डर्स फेडरेशन (एनएचबीएफ) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
वित्त मंत्रालय ने सभी सरकारी खरीदों के लिए बीमा ज़मानत बॉन्ड को बैंक गारंटी के समतुल्य बना दिया है। एनएचएआई बीमा कंपनियों और ठेकेदारों से बोली सुरक्षा और/या प्रदर्शन सुरक्षा जमा करने के एक अतिरिक्त तरीके के रूप में बीमा ज़मानत बॉन्ड का उपयोग करने का आग्रह कर रहा है। एनएचएआई को अब तक 164 बीमा ज़मानत बॉन्ड प्राप्त हुए हैं, जिनमें प्रदर्शन सुरक्षा के लिए 20 बॉन्ड और बोली प्रतिभूतियों के लिए 144 बॉन्ड शामिल हैं।
इस वर्कशॉप में दी गई जानकारी के अनुसार, लगभग 3,000 करोड़ रुपये मूल्य के लगभग 700 बीमा ज़मानत बॉन्ड विभिन्न बीमा कंपनियों द्वारा अब तक जारी किए जा चुके हैं। इन बॉन्डों (आईएसबी) की क्षमता को पहचानते हुए वर्कशॉप के दौरान पैनल सदस्यों ने एनएचएआई के अनुबंध प्रदान के वित्तीय साधन को इन्हें व्यापक रूप से अपनाने की हिमायत की। वर्कशॉप में विभिन्न चुनौतियों पर भी बात की गई और इस उपकरण को तेजी से अपनाने के लिए संभावित उपायों पर विचार-विमर्श किया गया।
बीमा ज़मानत बॉन्ड एक वित्तीय साधन है, जहां बीमा कंपनियां ‘ज़मानत’ के रूप में कार्य करती हैं और वित्तीय गारंटी प्रदान करती हैं कि ठेकेदार सहमत शर्तों के अनुसार अपने दायित्व को पूरा करेगा। ऐसे उपकरणों को व्यापक रूप से अपनाने से देश में बुनियादी ढांचे के विकास को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी।