इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के संरक्षण और अभिलेखागार प्रभाग ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के अवसर पर ‘पीपल एंड प्लेसेज ऑफ इंडिया- ए रेट्रोस्पेक्ट’ नामक एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। प्रदर्शनी में आईजीएनसीए अभिलेखागार से कार्ल एरिक मुलर के लिथोग्राफ को प्रदर्शित किया जाएगा। आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, जबकि प्रतिष्ठित लिथोग्राफी और प्रिंटमेकिंग कलाकार श्री दत्तात्रेय आप्टे कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि थे।
प्रदर्शनी का उद्घाटन डॉ सच्चिदानंद जोशी और श्री दत्तात्रेय आप्टे द्वारा किया गया था, साथ ही कार्ल एरिक मुलर के कार्यों को प्रदर्शित करता हुआ एक कैटलॉग भी जारी किया गया.अपने संबोधन में श्री आप्टे ने अपनी कलात्मक कृतियों के माध्यम से एरिक मूलर के साथ गहरे जुड़ाव की भावना व्यक्त की। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे मुलर के लिथोग्राफ लोगों और उनके दैनिक जीवन के गहन अवलोकन के प्रतिबिंब हैं, जो उनके युग के समाज की एक मार्मिक झलक पेश करते हैं। उनका काम, उनके समय के समाज के लिए एक दर्पण के रूप में काम करते हुए, अभिलेखीय मूल्य रखता है, अपने युग के सार को समाहित करते हुए अपनी कला के माध्यम से भावनाओं का विशद प्रतिनिधित्व करता है। समाजवाद से प्रभावित, मुलर ने अपने समय की चुनौतियों को गहराई से देखा और भोगा और उसे उन्होंने अपनी कला के माध्यम से चित्रित किया। श्री दत्तात्रेय आप्टे ने व्यक्तिगत अनुभवों को शक्तिशाली कलात्मक अभिव्यक्तियों में अनुवाद करने की कलाकार की क्षमता को रेखांकित किया।