भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान का 20वां दीक्षांत समारोह संस्थान के सभागार करनाल, हरियाणा में आज आयोजित किया गया। इस अवसर पर पदम भूषण डा. आर.एस. परोदा, पूर्व सचिव (डेयर) तथा महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं टास के अध्यक्ष ने दीक्षांत भाषण दिया। 20वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुल 278 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई जिनमें से 49 विद्यार्थियों को बी.टेक की डिग्री, 127 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर की डिग्री तथा 102 शोधकर्ताओं को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई।
दीक्षांत समारोह के अवसर पर अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक एवं कुलपति, मानद् विश्वविद्यालय, डा. धीर सिंह ने बताया कि भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल उत्तम नस्ल के गोवंश एवं भैंसों को तैयार करने की दिशा में उन्नत कटिंग ऐज प्रौद्योगिकियों के माध्यम से कार्य कर रहा है। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए उन्हें नौकरी के बजाय उद्यमी बनने की सलाह दी। डॉ सिंह ने कहा कि संस्थान मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में महत्व पूर्ण भूमिका निभाते हुए बी.टेक (डेरी प्रौद्योगिकी) की डिग्री के साथ-साथ 14 विषयों में स्नातकोत्तर तथा 14 ही विषयों में पीएचडी की डिग्रियाँ विद्यार्थियों को प्रदान करता है। डा. सिंह ने अपने संबोधन ने आगे कहा कि संस्थान ने अब तक 85 पेटेंट फाइल किए गए हैं जिसमें से उसे 49 प्रदान किए जा चुके हैं। संस्थान रोगों के नियंत्रण के माध्यम से प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहा है।
डा. धीर सिंह ने यह भी बताया कि विगत वर्ष 100 से अधिक विद्यार्थियों को अन्तर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया। अभी हाल में ही विस्तार के क्षेत्र में कार्य करते हुए संस्थान ने कल्याणी, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे इलाकों में डेरी मेला का आयोजन किया जिसमें हजारों की संख्या में पशुपालक एवं पशुप्रेमी सम्मिलित हुए।