केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आयुक्तालय, मेरठ की चोरी-रोधी शाखा ने अक्टूबर 2023 में एक बड़े सिंडिकेट की जांच शुरू की, जिसने फर्जी बिलों के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का फर्जी दावा किया था।
अब तक की गई जांच से पता चला है कि कुल 232 फर्जी फर्में हैं, जो देश भर में विभिन्न स्थानों पर पंजीकृत हैं तथा जिनमें से 91 फर्में एक ही मोबाइल नंबर पर पंजीकृत हैं और इन फर्जी फर्मों ने लगभग 1,048 करोड़ रुपये की अवैध आईटीसी पास की है। दिखाया गया है कि इन फर्मों के माध्यम से लगभग 5,842 करोड़ रुपये मूल्य के माल की आपूर्ति की गयी है।
ई-वे कॉम्प्रिहेंसिव पोर्टल, अद्वैत और बिजनेस इंटेलिजेंस एंड फ्रॉड एनालिटिक्स (बीआईएफए) जैसे विभिन्न विश्लेषणात्मक उपकरणों के माध्यम से, सीजीएसटी आयुक्तालय ने गहन जांच-पड़ताल की।
आगे की जांच करने पर पता चला कि मास्टरमाइंड श्री प्रवीण कुमार इन 232 फर्जी फर्मों को संचालित कर रहा था और सभी फर्जी फर्मों के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल कर रहा था। 91 फर्मों को बनाने और प्रबंधित करने के लिए उपयोग किये जाने वाले एक मोबाइल नंबर के अलावा, श्री परवीन कुमार के कब्जे से 10 और मोबाइल फोन तथा 03 लैपटॉप जब्त किए गए।
जांच के दौरान यह पता चला कि आईटीसी को धोखाधड़ी से पास करने के माध्यम से उत्पन्न धन की पार्किंग/रूटिंग के लिए ‘पूर्ण रूप से संचालित मनी चेंजर कंपनियों’ (एफएफएमसी) का इस्तेमाल किया जाता था। आगे की जांच में अन्य एफएफएमसी में से ऐसे दो एफएफएमसी से लगभग 1,120 करोड़ रुपये की थोक खरीद का पता चला। हालाँकि, तलाशी के दौरान उक्त विदेशी मुद्रा के आगे निपटान/प्राप्ति का कोई रिकॉर्ड बरामद नहीं हुआ है। इन दोनों एफएफएमसी के मालिक/निदेशक भी विदेशी मुद्रा के अंतिम प्राप्तकर्ता का कोई रिकॉर्ड या विवरण प्रस्तुत नहीं कर सके।
चालान जारी करने वाली कोई भी फर्म अस्तित्व में नहीं पाई गई। हालाँकि, फर्जी चालान के आधार पर आईटीसी का लाभ उठाने वाली दो लाभार्थी कंपनियाँ मौजूद थीं। इन लाभार्थी फर्मों की आगे की जांच से पता चला कि नकली खरीद को वास्तविक खरीद के रूप में दिखाने के लिए, उन्होंने केवल विदेशी मुद्रा की बिक्री और खरीद में लगी दो विदेशी मुद्रा कंपनियों से संबंधित दो खातों में भुगतान किया और वस्तुओं/सेवाओं की आपूर्ति में सौदा नहीं किया। हालाँकि, नकली आईटीसी के विभिन्न लाभार्थियों ने कथित तौर पर अपनी नकली खरीद को सही ठहराने के लिए इन खातों में धन हस्तांतरित किया है। इन फर्जी लेनदेन को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे खातों को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 83 के तहत अस्थायी रूप से जब्त/प्रतिबंधित किया गया।
सिंडिकेट द्वारा आय को जमा करने के लिए इस्तेमाल किए गए पांच बैंक खातों को अस्थायी रूप से जब्त/प्रतिबंधित किया गया है। फर्जी फर्मों के निर्माण/बिना किसी अंतर्निहित वस्तुओं/सेवाओं की आपूर्ति के फर्जी चालान तैयार करने/विभिन्न लाभार्थियों को फर्जी आईटीसी देने/जीएसटी की चोरी से उत्पन्न लाभ को बरकरार रखने में अपराधी और साजिशकर्ता होने के आरोप में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
आगे की जांच जारी है।