सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-निस्पर) ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस- 2024 मनाने के लिए आज नई दिल्ली में एक व्याख्यान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एनजीओ- विभा के राष्ट्रीय आयोजन सचिव डॉ. शिव कुमार शर्मा थे। वहीं, आईसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र- गोरखपुर के पूर्व और संस्थापक निदेशक डॉ. रजनी कांत ने अपना प्रमुख भाषण दिया।
इस कार्यक्रम में स्वागत भाषण सीएसआईआर-निस्पर की निदेशका प्रोफेसर रंजना अग्रवाल ने दिया। प्रोफेसर अग्रवाल ने भारत में वैज्ञानिक प्रगति प्राप्त करने के लिए स्वदेशी ज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग के महत्व का उल्लेख किया। इसके अलावा उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान रोग प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य संचार के महत्व के बारे में भी बात की और स्वास्थ्य अभियानों के लिए विज्ञान संचार के महत्व को रेखांकित किया। डॉ. शर्मा ने भारतीय समाज के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी के महत्व और स्वदेशी ज्ञान व प्रौद्योगिकी की पहचान करने पर जोर दिया। साथ ही, इस ज्ञान को मौजूदा विज्ञान अभ्यासों के साथ एकीकृत करने की जरूरत का भी उल्लेख किया।