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2011-12 से 2022-23 के दौरान प्रति व्यक्ति मासिक घरेलू उपभोग व्यय दोगुना से अधिक हो गया

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने अगस्त 2022 से जुलाई 2023 के दौरान घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (एचसीईएस) किया है। घरेलू उपभोग व्यय पर इस सर्वेक्षण का मकसद घरेलू मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय (एमपीसीई) का अनुमान तैयार करना है और देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के लिये इसके अलग-अलग वितरण की जानकारी करना है।

एमपीसीई का अनुमान देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले केंद्रीय नमूने में 2,61,746 परिवारों (ग्रामीण क्षेत्रों में 1,55,014 और शहरी क्षेत्रों में 1,06,732) से एकत्र किये गये डेटा पर आधारित है।

एचसीईएस:2022-23 में, (i) घरेलू/ घरेलू उत्पादित स्टॉक और (ii) उपहार, ऋण, मुफ्त संग्रह और वस्तुओं और सेवाओं के बदले में प्राप्त वस्तुओं की खपत के लिये मूल्य आंकड़ों को लागू करने की सामान्य प्रथा आदि जारी रखा गया है, और तदनुसार, एमपीसीई का अनुमान तैयार किया गया है। ये अनुमान खंड ए में प्रस्तुत किये गये हैं।

इसके अलावा, विभिन्न सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के माध्यम से परिवारों द्वारा निःशुल्क प्राप्त और उपभोग की जाने वाली कई वस्तुओं की खपत की मात्रा के बारे में जानकारी एकत्र करने का प्रावधान एचसीईएस: 2022- 23 में किया गया है। नतीजतन, (i) खाद्य पदार्थों के लिये मूल्य आंकड़े: चावल, गेहूं/ आटा, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, जौ, छोटे बाजरा, दालें, चना, नमक, चीनी, खाद्य तेल और (ii) गैर-खाद्य पदार्थ: इन कार्यक्रमों के माध्यम से परिवारों को निःशुल्क प्राप्त लैपटॉप/ पीसी, टैबलेट, मोबाइल हैंडसेट, साइकिल, मोटर साइकिल/ स्कूटी, कपड़े (स्कूल यूनिफॉर्म), जूते (स्कूल जूते आदि) को उचित विधि का उपयोग करके इम्प्यूटेशन किया गया है।

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Author: ainewsworld

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