कार्यशाला में माननीय न्यायमूर्ति श्री अमरेश्वर प्रताप साही, अध्यक्ष एनसीडीआरसी, श्री रोहित कुमार सिंह, सचिव उपभोक्ता कार्य विभाग, माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष एससीडीआरसी, श्री अनुपम मिश्रा, संयुक्त सचिव उपभोक्ता कार्य विभाग सहित विभिन्न राज्य और जिला आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों ने भाग लिया।
श्री रोहित कुमार सिंह, सचिव, उपभोक्ता कार्य विभाग, भारत सरकार ने विभाग के 4 प्रमुख निर्णयों को रेखांकित किया। इनमें खाद्य मुद्रास्फीति प्रबंधन, बीआईएस के माध्यम से गुणवत्ता का आश्वासन, कानूनी मेट्रोलॉजी के माध्यम से मात्रा का आश्वासन और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कानून के प्रभावी प्रवर्तन पर बल दिया गया।
श्री सिंह ने उपभोक्ता अधिकारों को प्रोत्साहन देने और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ताओं को असुरक्षित वस्तुओं की बिक्री को रोकने के लिए विभाग द्वारा उठाए गए हालिया कदमों पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही फर्जी समीक्षाओं के साथ-साथ उपभोक्ताओं की भ्रामक सहमति लेने, ग्रीनवॉशिंग के झूठे दावों के साथ उत्पादों की बिक्री को प्रोत्साहन देना, परेशान करने वाली कॉलें, उम्मीदवारों के चयन के संबंध में कोचिंग संस्थानों द्वारा भ्रामक विज्ञापन, सरोगेट विज्ञापन और योजनाबद्ध अप्रचलन की प्रथा का समाधान करने जैसे डार्क पैटर्न को रोकने और मरम्मत तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए विभाग समाधान के अधिकार पर काम कर रहा है।
ने उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, उत्तर प्रदेश के सहयोग से “वर्तमान युग में उपभोक्ताओं की शिकायतों का प्रभावी ढंग से कैसे समाधान किया जाए” विषय पर आज लखनऊ में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
इस आयोजन का उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र, रियल एस्टेट क्षेत्र, चिकित्सा लापरवाही, ऑन-लाइन शॉपिंग और अन्य क्षेत्रों से संबंधित उपभोक्ताओं के सामने आने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों और उनके उचित और प्रभावी निवारण में उपभोक्ता आयोगों की भूमिका को संबोधित करना था।
कार्यशाला में माननीय न्यायमूर्ति श्री अमरेश्वर प्रताप साही, अध्यक्ष एनसीडीआरसी, श्री रोहित कुमार सिंह, सचिव उपभोक्ता कार्य विभाग, माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष एससीडीआरसी, श्री अनुपम मिश्रा, संयुक्त सचिव उपभोक्ता कार्य विभाग सहित विभिन्न राज्य और जिला आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों ने भाग लिया।
श्री रोहित कुमार सिंह, सचिव, उपभोक्ता कार्य विभाग, भारत सरकार ने विभाग के 4 प्रमुख निर्णयों को रेखांकित किया। इनमें खाद्य मुद्रास्फीति प्रबंधन, बीआईएस के माध्यम से गुणवत्ता का आश्वासन, कानूनी मेट्रोलॉजी के माध्यम से मात्रा का आश्वासन और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कानून के प्रभावी प्रवर्तन पर बल दिया गया।
श्री सिंह ने उपभोक्ता अधिकारों को प्रोत्साहन देने और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपभोक्ताओं को असुरक्षित वस्तुओं की बिक्री को रोकने के लिए विभाग द्वारा उठाए गए हालिया कदमों पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही फर्जी समीक्षाओं के साथ-साथ उपभोक्ताओं की भ्रामक सहमति लेने, ग्रीनवॉशिंग के झूठे दावों के साथ उत्पादों की बिक्री को प्रोत्साहन देना, परेशान करने वाली कॉलें, उम्मीदवारों के चयन के संबंध में कोचिंग संस्थानों द्वारा भ्रामक विज्ञापन, सरोगेट विज्ञापन और योजनाबद्ध अप्रचलन की प्रथा का समाधान करने जैसे डार्क पैटर्न को रोकने और मरम्मत तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए विभाग समाधान के अधिकार पर काम कर रहा है।