राष्ट्रीय संचार वित्त संस्थान (एनआईसीएफ) और जिनेवा में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) सचिवालय द्वारा इसके दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय कार्यालय तथा दिल्ली स्थित इनोवेशन सेंटर के सहयोग से 26 एवं 27 फरवरी, 2024 को “मानकीकरण में प्रभावशीलता पर मानकीकरण अंतर (बीएसजी) को पाटना” विषय पर नई दिल्ली में दो दिवसीय कार्यशाला का संयुक्त रूप से आयोजन किया गया है।
राष्ट्रीय संचार वित्त संस्थान, संचार मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में एक ‘उत्कृष्ट’ मान्यता प्राप्त केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान है, जो दूरसंचार विभाग और डाक विभाग की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करता है।
दक्षिण एशिया में सरकारों, उद्योग व शिक्षा जगत को एक साथ लाने के उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए दक्षिण एशिया के लिए अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के क्षेत्रीय कार्यालय तथा दिल्ली के इनोवेशन सेंटर की स्थापना 2023 में की गई थी। इस पहल का उद्देश्य यह था कि डिजिटल प्रौद्योगिकी की प्रगति को बढ़ावा दिया जाए, जिससे डिजिटल विभाजन एवं मानकीकरण में अंतर को पाटने के साथ-साथ संचार व सूचना संबंधी आईसीटी प्रौद्योगिकियों, सेवाओं तथा अनुप्रयोगों को अधिक प्रभावी, कुशल और किफायती बनाने के लिए नवाचार को गति प्रदान की जा सके।
दूरसंचार विभाग के सदस्य (वित्त) श्री मनीष सिन्हा और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के वरिष्ठ सलाहकार श्री आर शाक्य ने संयुक्त रूप से 2 दिवसीय बीएसजी कार्यशाला का उद्घाटन किया। श्री सिन्हा ने आईटीयू वर्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली (डब्ल्यूटीएसए-24) के अग्रदूत के रूप में इस बीएसजी कार्यशाला के लिए एनआईसीएफ तथा आईटीयू एरिया ऑफिस के हाथ मिलाने पर प्रसन्नता व्यक्त की और प्रतिभागियों से इस महत्वपूर्ण अवसर का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया। अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के वरिष्ठ सलाहकार ने सभी सदस्य देशों, विशेषकर अल्प विकसित देशों एवं छोटे द्वीप वाले विकासशील राष्ट्रों की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने किसी व्यक्ति, उद्योग जगत तथा वैश्विक नागरिक को अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने के लाभों को भी साझा किया।
राष्ट्रीय संचार वित्त संस्थान की महानिदेशक सुश्री माधवी दास ने इस संबंध में विस्तार से बताते हुए सभी हितधारकों की क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिससे कि वैश्विक पटल पर भारत सरकार और उद्योग जगत के स्वर को आगे रखा जा सके।
इस कार्यशाला में दूरसंचार विभाग (डॉट), भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई), टेलीमैटिक्स विकास केंद्र (सीडॉट), भारतीय दूरसंचार मानक विकास सोसायटी (टीएसडीएसआई), भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और अन्य निजी टेलीकॉम, निर्माता व अन्य सहित दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।