केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के भारत यूरोप व्यापार और सततता सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज भारत को संभावनाओं के केंद्र के रूप में देखा जाता है और आकांक्षी भारत एक जनसांख्यिकीय लाभांश प्रदान करेगा, जो भारत-यूरोप आर्थिक साझेदारी व भू-राजनीतिक संबंध के विकास में सहायता करेगा। श्री गोयल ने कहा कि गुणवत्ता को देखने के तरीके की सोच में एक बदलाव आया है और टिकाऊपन और विश्व को स्वच्छ रखने की दिशा में वैश्विक पहल का हिस्सा बनने के लिए सक्रिय भागीदारी की गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन में प्रति व्यक्ति न्यूनतम योगदान के साथ भारत हमेशा पर्यावरण को लेकर जागरूक रहा है और जलवायु व सततता के मामले में एक जिम्मेदार राष्ट्र बना रहेगा। श्री गोयल ने कहा, “भारत एक ऐसा देश है जिसने रिफॉर्म (सुधार), परफॉर्म (प्रदर्शन) और ट्रांसफॉर्म (रूपांतरण) के दर्शन को अपनाया है।” उन्होंने आगे डेमोक्रेसी (लोकतंत्र), (डेमोग्राफी) जनसांख्यिकी और डिमांड (मांग) द्वारा समर्थित विश्व के लिए 3डी सोच को लेकर देश के योगदान पर जोर दिया। मंत्री ने आगे कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने और उन्हें व्यावसायिक उपयोग के लिए आकर्षक बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर सततता बनाने के लिए एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को विकसित करने पर भी विचार कर रही है।
भारत में कारोबारी परिस्थितियों पर श्री गोयल ने कहा कि सरकार एक अनुकूल वातावरण प्रदान करती है, जो स्वीकृतियों को कम करने और मजबूत व सुदृढ़ नियामक प्रणाली की ओर से समर्थित पूरे विश्व के व्यवसायों के साथ भागीदार के रूप में काम करने पर केंद्रित है। श्री गोयल ने कहा कि आज का भारत सबसे तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स बाजार के साथ एक ‘आत्मनिर्भर भारत’ है।
श्री गोयल ने कहा कि भारत ने जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन करके वैश्विक मंच पर अपना योगदान दिया है। उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की शुरुआत के साथ भारत व्यापार प्रणालियों में पारदर्शी और निष्पक्षता के माध्यम से विश्व को एक साथ काम करने में सहायता करेगा। मंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दिशा में काम कर रही है और देश को युवा महत्वाकांक्षी प्रतिभाओं के एक बड़े समूह द्वारा समर्थित मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों के साथ तैयार कर रही है। श्री गोयल ने आगे कहा कि महत्वाकांक्षी नई पीढ़ी, जिसकी औसत आयु 30 वर्ष से कम है, समावेशी और टिकाऊ विकास पर काम करने के साथ-साथ भारत को साल 2047 तक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने में सक्षम बनाएगी।
श्री गोयल ने आगे कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन को लेकर सचेत है और विश्व की जरूरतों को पूरा करने के लिए नवीन ऊर्जा की संभावनाओं को तलाशने के लिए पेरिस समझौते के प्रति समर्पित है।