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भारत का अंतरिक्ष इतिहास: एक्सिओम-4 मिशन का सफल प्रक्षेपण, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला बने भारत के गौरव

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने आज एक नया अध्याय जोड़ा। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए एक्सिओम-4 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर दिल्ली स्थित अनुसंधान भवन में जोशीला माहौल रहा। इस ऐतिहासिक क्षण की लाइव स्क्रीनिंग देख केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह समेत मौजूद दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके साथियों को बधाई दी।

1. मंत्री का उत्साह और ऐतिहासिक महत्व:

* केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस प्रक्षेपण को “भारत के लिए ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण” बताया।
* उन्होंने जोर देकर कहा कि एक्सिओम-4 मिशन का शुभारंभ “विकसित भारत” के निर्माण की दिशा में एक “बड़ी छलांग” का प्रतीक है।
* डॉ. सिंह ने कहा कि यह सफलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किए गए सुधारों का सीधा परिणाम है, जिन्होंने भारत को प्रौद्योगिकी अनुयायी से अंतरिक्ष अन्वेषण में एक सम्मानित वैश्विक भागीदार बना दिया है।
* उन्होंने इसे भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई और सतीश धवन के सपने को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में साकार होते देखने के रूप में रेखांकित किया।

2. भारतीय योगदान: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और स्वदेशी प्रयोग:

* ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट के रूप में इस चार सदस्यीय अंतर्राष्ट्रीय दल का अहम हिस्सा हैं, जो भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमतों को दर्शाता है।
* शुक्ला अपने साथ पूरी तरह से “स्वदेशी प्रयोग किट” लेकर गए हैं, जिन्हें भारत के प्रमुख संस्थानों – आईआईटी (IITs), आईआईएससी (IISc), और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) द्वारा विकसित किया गया है।
* इन किटों का उपयोग ISS पर उन्नत वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए किया जाएगा।

3. वैज्ञानिक प्रयोगों का महत्व:

* मुख्य जैव प्रौद्योगिकी प्रयोगों का उद्देश्य सूक्ष्मगुरुत्वाकर्षण और ब्रह्मांडीय विकिरण का खाद्य स्रोत के रूप में उपयोगी “सूक्ष्म शैवाल” के विकास पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करना है।
* इन सूक्ष्म शैवालों को प्रोटीन, लिपिड और जैव सक्रिय यौगिकों से भरपूर, पोषक तत्वों का एक स्थायी स्रोत बताया गया है, जो लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों के लिए आदर्श भोजन हो सकता है।
* इन अध्ययनों से भविष्य के “गहरे अंतरिक्ष” मिशनों, विशेष रूप से भारत के प्रतीक्षित “गगनयान” मिशन और अंतरिक्ष में दीर्घकालिक मानव उपस्थिति को स्थिर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान की उम्मीद है।

4. मिशन का समय और आगे की यात्रा:

* अंतरिक्ष यान के 26 जून को पूर्वी समयानुसार (ईटी) सुबह 7 बजे (भारतीय मानक समयानुसार शाम लगभग 4:30 बजे) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर सफलतापूर्वक डॉक करने की उम्मीद है।

5. विशेष आयोजन और गणमान्य उपस्थिति:

* नई दिल्ली के अनुसंधान भवन में आयोजित इस विशेष लाइव स्क्रीनिंग कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
* इनमें दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की गवर्नर महामहिम फ्रांसिस एडमसन ए.सी. और भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त श्री फिलिप ग्रीन प्रमुख रूप से शामिल थे। कार्यक्रम से पहले श्री ग्रीन ने डॉ. जितेंद्र सिंह से भेंट भी की।
* इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने वालों में सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन के साथ-साथ विभिन्न वैज्ञानिक विभागों और स्वायत्त संस्थानों के वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा अधिकारी भी शामिल थे।

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Author: ainewsworld

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