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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुंबई में “संवाद से समाधान” परिचर्चा में भाग लेकर जोर दिया: बातचीत ही टकराव का विकल्प, लोकतंत्र की मजबूती का आधार

लोकसभा अध्यक्ष माननीय श्री ओम बिरला ने आज मुंबई में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए जैन धर्म के २४वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांतों को आधुनिक लोकतंत्र और वैश्विक शांति के लिए प्रासंगिक बताया। महावीरायतन फाउंडेशन द्वारा आयोजित “संवाद से समाधान” विषय पर आधारित इस परिचर्चा कार्यक्रम में उन्होंने गुणिजनों को संबोधित किया।

श्री बिरला ने अपने उद्बोधन में भगवान महावीर के सम्यक दर्शन (सही दृष्टिकोण), सम्यक ज्ञान (सही ज्ञान) और सम्यक चरित्र (सही आचरण)** के कालजयी सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन सिद्धांतों पर आधारित सार्थक संवाद ही हर समस्या का स्थायी समाधान है।

“सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चरित्र के साथ किया गया संवाद, हर समस्या का समाधान है,” लोकसभा अध्यक्ष ने कहा। “जब हम एक-दूसरे को सुनते हैं, समझते हैं और सम्मानपूर्वक अपने मत व्यक्त करते हैं, तभी वास्तविक समाधान जन्म लेते हैं।”

श्री बिरला ने इस अवधारणा को भारतीय लोकतंत्र की मूल भावना से जोड़ा। उन्होंने कहा कि संवाद और चर्चा के माध्यम से बड़ी से बड़ी चुनौतियों का हल निकालना ही हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती और ताकत है।

“हमारी सामासिक संस्कृति में संवाद को टकराव से श्रेष्ठ माना गया है,”उन्होंने स्पष्ट किया। उन्होंने वर्तमान वैश्विक परिदृश्य की ओर इशारा करते हुए कहा, “ऐसे समय में, जब विभिन्न देशों के बीच युद्ध और ध्रुवीकरण बढ़ रहा है, भारत ‘संवाद’ को समाधान का सेतु मानता है। यह प्रमाण है, हमारी जीवंत लोकतांत्रिक परम्परा का।”

लोकसभा अध्यक्ष ने महावीरायतन फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस “ज्ञानपूर्ण परिचर्चा” का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सहिष्णुता, समझ और शांति के मार्ग को प्रशस्त करते हैं। उनके इस संबोधन ने भगवान महावीर की शांति एवं अहिंसा की शिक्षाओं को वर्तमान विश्व की चुनौतियों के समाधान के रूप में रेखांकित किया।

इस कार्यक्रम में शहर के प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों, धार्मिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिन्होंने संवाद और सहमति निर्माण के महत्व पर विचार-विमर्श किया। श्री बिरला के इस संदेश ने वैश्विक स्तर पर बढ़ रहे तनावों के बीच भारत की संवाद-केंद्रित दृष्टि को और मजबूती से स्थापित किया है।

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Author: ainewsworld

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