इजरायल-ईरान युद्ध के 10वें दिन आखिरकार अमेरिका ने हस्तक्षेप करते हुए बड़ा कदम उठा लिया है। अमेरिका ने 21-22 जून की मध्यरात्रि को अचानक ईरान के तीन प्रमुख परमाणु संयंत्रों पर बंकर बस्टर बम गिराए, जिससे क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया है।
मुख्य बिंदु:
🔴 तीन परमाणु ठिकानों पर हमला
अमेरिका ने फोरडो (Fordow), नातांज (Natanz) और इस्फहान (Isfahan) स्थित ईरानी परमाणु संयंत्रों पर बंकर बस्टर बम गिराए।
ये बम विशेष रूप से भूमिगत बंकरों को नष्ट करने के लिए बनाए जाते हैं, और सैकड़ों फीट नीचे तक प्रभावी होते हैं।
🔴 ट्रंप ने किया हमले का ऐलान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम क्षेत्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
ट्रंप ने पिछले सप्ताह कहा था कि अमेरिका दो हफ्ते तक इंतजार करेगा, लेकिन उन्होंने तय समय से पहले ही हमला कर दिया।
🔴 छह बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान के तीनों ठिकानों पर कुल 6 बंकर बस्टर बम गिराए गए।
इससे ईरान की परमाणु क्षमता को गंभीर नुकसान पहुंचने की आशंका है।
🔴 अचानक लिया गया निर्णय
यह हमला पूरी तरह से अप्रत्याशित था।
अमेरिकी प्रशासन ने इस कदम की कोई पूर्व सूचना नहीं दी थी, जिससे वैश्विक समुदाय भी चौंक गया।
🔴 क्षेत्रीय तनाव बढ़ा
इस हमले के बाद मध्य पूर्व में सैन्य गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है।
ईरान की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन बदले की कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है.
विश्लेषण:
अमेरिका का यह हमला न केवल ईरान-अमेरिका रिश्तों को और खराब कर सकता है, बल्कि इससे पूरी दुनिया में परमाणु सुरक्षा को लेकर चिंता और गहरी हो गई है। आने वाले दिन विश्व राजनीति के लिए बेहद अहम साबित हो सकते हैं।

Author: ainewsworld



