- अमेरिका ने लगाया 25% टैरिफ
अमेरिका ने 12 मार्च 2025 से सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र (एमएफएन) के आधार पर भारतीय स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। भारत सरकार इस मुद्दे पर अमेरिकी सरकार के साथ द्विपक्षीय वार्ता जारी रखे हुए है, ताकि व्यापार संबंधों को निष्पक्ष और लाभकारी बनाया जा सके। - डंपिंग रोधी उपायों का कड़ाई से पालन
भारत में व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) घरेलू उद्योग की शिकायतों के आधार पर डंपिंग रोधी जांच करता है। इसका उद्देश्य अनुचित व्यापार प्रथाओं से घरेलू उद्योग को होने वाले नुकसान को रोकना और समान अवसर प्रदान करना है। - डंपिंग रोधी शुल्क लागू
भारत ने कई देशों से आयातित स्टील उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क (एडीडी) लगाए हैं। इनमें चीन से आयातित सीमलेस ट्यूब, पाइप, और मिश्र धातु स्टील, कोरिया, जापान और सिंगापुर से आयातित इलेक्ट्रो-गैल्वेनाइज्ड स्टील, और वियतनाम व थाईलैंड से आयातित वेल्डेड स्टेनलेस स्टील पाइप शामिल हैं। - सरकार के प्रमुख कदम
- चीन और वियतनाम से आयात पर प्रतिसंतुलक शुल्क: वेल्डेड स्टेनलेस स्टील पाइप और ट्यूब पर प्रतिसंतुलक शुल्क (सीवीडी) लागू किया गया है।
- बजट 2024-25 में स्टील उद्योग के लिए राहत:
- फेरो-निकेल और मोलिब्डेनम अयस्कों पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को 2.5% से घटाकर शून्य कर दिया गया है।
- फेरस स्क्रैप पर बीसीडी छूट को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाया गया है।
- कोल्ड रोल्ड ग्रेन ओरिएंटेड (सीआरजीओ) स्टील के निर्माण के लिए कच्चे माल पर छूट को भी बढ़ाया गया है।
- ‘मेड इन इंडिया’ स्टील को बढ़ावा
सरकार ने घरेलू रूप से निर्मित लौह एवं इस्पात उत्पादों (डीएमआई एंड एसपी) को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई नीति शुरू की है। इसका उद्देश्य सरकारी खरीद में ‘मेड इन इंडिया’ स्टील को प्राथमिकता देना है। - स्पेशलिटी स्टील के लिए पीएलआई योजना
स्पेशलिटी स्टील के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की गई है। इसके तहत 27,106 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने और 24 मिलियन टन स्पेशलिटी स्टील की डाउनस्ट्रीम क्षमता विकसित करने का लक्ष्य है। - स्टील गुणवत्ता नियंत्रण आदेश
घरेलू बाजार में घटिया और दोषपूर्ण स्टील उत्पादों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने स्टील गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किया है। इसके तहत, केवल बीआईएस मानकों के अनुरूप गुणवत्ता वाले स्टील उत्पादों को ही बाजार में बेचा जा सकेगा। - एमएसएमई को समर्थन
सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें एमएसई-जीआईएफटी, एमएसई-एसपीआईसीई, एमएसएमई चैंपियंस योजना, और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) शामिल हैं। - मंत्री का बयान
इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार की इन नीतियों से घरेलू स्टील उद्योग को मजबूती मिलेगी और एमएसएमई क्षेत्र को भी व्यापक समर्थन मिलेगा।
निष्कर्ष
अमेरिकी टैरिफ के बावजूद, भारत सरकार ने घरेलू स्टील उद्योग को मजबूत करने और एमएसएमई को समर्थन देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन प्रयासों से देश में स्टील उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ेंगे।

Author: ainewsworld



