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ट्रंप कैबिनेट में पहली नियुक्ति, कौन हैं मार्को रूबियो ?

मार्को रूबियो: एक नया अध्याय

   

मार्को रूबियो ने अमेरिका के विदेश मंत्री के रूप में शपथ ले ली है।

उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन्हें शपथ दिलाई है।

रूबियो को भारत का समर्थक माना जाता है।

अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में हर कोई उत्सुक था। व्हाइट हाउस की भव्य इमारत के भीतर, एक ऐतिहासिक क्षण लिखा जा रहा था। नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी कैबिनेट के पहले सदस्य के रूप में मार्को रूबियो को चुना था।

मार्को रूबियो, जिनका नाम अब पूरी दुनिया में गूंजने वाला था, अमेरिका के नए विदेश मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले थे। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने जब उनके हाथों में संविधान की शपथ दिलाई, तो पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा।

रूबियो का व्यक्तित्व हमेशा से ही दृढ़ और साहसी रहा है। भारत के प्रति उनका समर्थन और चीन के खिलाफ उनके कड़े रुख ने उन्हें दुनिया में अलग पहचान दिलाई है। हांग कांग में लोकतंत्र के समर्थन में उनके प्रयासों के कारण चीन ने उन्हें प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन इससे उनके हौसले और भी बुलंद हुए।

अमेरिकी सीनेट में उनके नाम की सर्वसम्मति से पुष्टि होना कोई साधारण बात नहीं थी। यह इस बात का प्रमाण था कि उनकी कूटनीतिक क्षमता और नेतृत्व पर देश को पूरा भरोसा है।

रूबियो के लिए यह पल उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ था। शपथ ग्रहण समारोह के बाद, उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “यह जिम्मेदारी केवल मेरा सम्मान नहीं है, बल्कि उन सभी का सम्मान है जो स्वतंत्रता, लोकतंत्र और समानता में विश्वास रखते हैं।”

उनकी यह यात्रा न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि भारत सहित उन सभी देशों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, जो एक बेहतर और मजबूत वैश्विक साझेदारी चाहते हैं।

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Author: ainewsworld

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