
सरकार आगामी गर्मी के मौसम में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने इसे सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण बैठकें की हैं, जिसमें गर्मी के मौसम के दौरान शून्य लोड शेडिंग सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
इस वर्ष मार्च के तीसरे सप्ताह में मंत्रालय में हुई एक बैठक में इस बात पर बल दिया गया कि सभी हितधारकों द्वारा पर्याप्त अग्रिम योजना बनाई जानी चाहिए, ताकि ऐसी स्थिति को रोका जा सके जिसमें एक राज्य के पास अधिशेष बिजली हो जबकि दूसरे राज्य को बिजली की कमी का सामना करना पड़े।
गैरपरिचालनयाकाममेंनहींकररहेतापीयविद्युतक्षमताकीसमीक्षा
केंद्रीय मंत्री महोदय ने आज उत्पादन कंपनियों के साथ भी बैठक की और 5.2 गीगावॉट गैर-परिचालन तापीय क्षमता की स्थिति की समीक्षा की।
विद्युतसंयंत्रोंकानियोजितरखरखावमानसूनकेमौसमतकस्थानांतरितकियाजाएगा
केंद्रीय मंत्री महोदय ने अप्रैल महीने में 1.7 गीगावॉट और जून महीने में 6 गीगावॉट – 9 गीगावॉट विद्युत संयंत्रों के नियोजित रखरखाव के उपक्रम की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय लिया गया है कि तापीय इकाइयों के नियोजित आउटेज को मानसून के मौसम में शेड्यूल/शिफ्ट करने का प्रयास किया जाएगा।
नईक्षमतावृद्धिमेंतेजीलाईजाएगी
इनके अलावा, कोयला, पनबिजली, परमाणु, सौर और पवन ऊर्जा में क्षमता वृद्धि की निगरानी की जाएगी, ताकि उनकी कमीशनिंग में तेजी लाई जा सके।
कैप्टिवउत्पादनकेन्द्रोंकेसाथअधिशेषबिजलीकाउपयोगकियाजाएगा
कैप्टिव उत्पादन केन्द्रों के पास उपलब्ध किसी भी अतिरिक्त बिजली के उपयोग की संभावना का पता लगाने का भी निर्णय लिया गया है।
अतिरिक्तबिजलीकोऊर्जाविनिमयमेंबिक्रीकेलिएपेशकियाजाएगा
यह भी बताया गया कि सभी तापीय उत्पादन केन्द्रों को हाल ही में अधिसूचित नियमों के अनुसार, बिजली विनिमय में अपनी गैर-माँगी गई / अधिशेष बिजली की पेशकश करनी होगी। निर्देश दिया गया है कि अनुपालन की नियमित रूप से निगरानी की जाए और निर्देशों का उल्लंघन करने पर नोटिस जारी किया जाए।
सभीकोयलाआधारिततापीयविद्युतसंयंत्रोंकेलिएयूनिटक्षमताका 55 प्रतिशतसमानतकनीकीन्यूनतमलोडिंग
राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) ने विभिन्न डिस्कॉम द्वारा अव्यवहार्य बिजली शेड्यूलिंग का मुद्दा उठाया। केंद्रीय मंत्री महोदय ने निर्देश दिया कि सभी कोयला आधारित बिजली उत्पादकों के लिए यूनिट क्षमता की 55 प्रतिशत की एक समान तकनीकी न्यूनतम लोडिंग अनिवार्य की जा सकती है, जैसा कि अंतर-राज्यीय उत्पादन केन्द्रों और क्षेत्रीय लोड प्रेषण केंद्रों के लिए लागू किया गया है। इसका उद्देश्य शेड्यूल जारी करते समय तकनीकी न्यूनतम शर्तें सुनिश्चित करना और ग्रिड की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना है।
गैसआधारितक्षमताकेपरिचालनकीसमीक्षाकीजाएगी, धारा 11 केनिर्देशोंकीजांचकीजाएगी
केंद्रीय विद्युत मंत्री महोदय ने निर्देश दिया है कि गर्मी के मौसम के दौरान गैस आधारित क्षमता के संचालन की समीक्षा के लिए गैस आधारित बिजली परियोजनाओं के सभी डेवलपर्स के साथ भी एक बैठक आयोजित की जाए। मंत्रालय इस बात की जांच करेगा कि क्या बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 11 के तहत निर्देश, जिसके अंतर्गत उपयुक्त सरकार निर्दिष्ट कर सकती है कि एक उत्पादन कंपनी, असाधारण परिस्थितियों में, उस सरकार के निर्देशों के अनुसार किसी भी उत्पादन केंद्र का संचालन और रखरखाव करेगी, की आवश्यकता है। आगामी गर्मी के मौसम के दौरान उनका संचालन सुनिश्चित करने के लिए आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों की तरह ही गैस आधारित बिजली संयंत्रों को भी जारी किया गया है।
आयातित–कोयला–आधारित बिजली संयंत्रों के लिए धारा 11 के निर्देशों को सितंबर 2024 तक बढ़ाया जाएगा
यह भी निर्णय लिया गया है कि, आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों द्वारा प्रदान की जाने वाली ऊर्जा को ध्यान में रखते हुए, धारा 11 के तहत निर्देशों को 30 सितंबर, 2024 तक बढ़ाया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री महोदय की अध्यक्षता में हुई बैठकों में केंद्रीय विद्युत सचिव श्री पंकज अग्रवाल; सीईए, राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) , ग्रिड इंडिया, जेनकोस, पीएफसी और एनवीवीएन के वरिष्ठ अधिकारी विचार-विमर्श का हिस्सा बने।

Author: ainewsworld



