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पोत परिवहन मंत्रालय ने असम में ब्रह्मपुत्र पर 10 नई जलमार्ग परियोजनाओं के लिए 645 करोड़ रुपये मंजूर किए

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग (एमओपीएसडब्ल्यू) और आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के प्रमुख सागरमाला कार्यक्रम के तहत 10 जलमार्ग परियोजनाओं के विकास के लिए 645 करोड़ रुपये से अधिक के भारी निवेश की घोषणा की। इन परियोजनाओं को संपर्कता और आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग 2) के साथ टर्मिनल और नदी के बुनियादी ढांचागत विकास को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से 100 फीसदी वित्तीय सहायता के साथ लागू किया जाएगा।

धुबरी जिले और माजुली जिले में माया घाट जैसे रणनीतिक स्थानों पर स्लिपवे के निर्माण से लेकर उत्तरी लखीमपुर जिले के घागोर और बारपेटा जिले के बहारी में यात्री टर्मिनलों की स्थापना तक, प्रत्येक प्रस्ताव को सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया है। इससे संपर्कता बढ़ाने और पूरे क्षेत्र में निर्बाध परिवहन की सुविधा मिल सकेगी। असम के भीतर विभिन्न जिलों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए गोलपारा, गुइजान, कुरुवा, धुबरी, दिसांगमुख और मटमारा में अतिरिक्त यात्री टर्मिनल स्थापित करने की तैयारी है। ये दस परियोजनाएं परिवहन की क्षमता को बढ़ाएंगी साथ ही क्षेत्र में औद्योगिक विकास और व्यापार को प्रोत्साहित भी करेंगी।

इस अवसर पर श्री सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में हम नए रास्ते खोजने और देश में जलमार्गों की अपार संभावनाओं को तलाशने करने का प्रयास कर रहे हैं। ब्रह्मपुत्र (एनडब्ल्यू 2) पूर्वोत्तर और असम के लोगों के लिए जीवन रेखा रही है। मोदी जी ने ब्रह्मपुत्र की शक्ति का उपयोग करके जलमार्ग विकसित करने और परिवहन का एक वैकल्पिकआर्थिकपारिस्थितिक रूप से मजबूत और प्रभावी साधन विकसित करने के लिए हमारा मार्गदर्शन किया। भारत सरकार के सागरमाला कार्यक्रम के तहत विकसित की जाने वाली इन 10 नई परियोजनाओं को संपर्कता बढ़ानेसार्वजनिक परिवहन में सुधार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन सागरमाला परियोजनाओं को नौका बुनियादी ढांचागत विकासनाव के बेड़े के आधुनिकीकरण के साथसाथ लास्ट माइल संपर्कता बढ़ाने के आधार पर विकसित किया जाएगा।

असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए सागरमाला कार्यक्रम के तहत 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं शुरू की गई हैं। असम में वर्तमान में 760 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं चल रही हैं, जो इस क्षेत्र की प्रगति के प्रति सरकार के समर्पण को उजागर करती हैं। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ब्रह्मपुत्र के किनारे नदी पर्यटन और जल क्रीड़ा विकसित कर रहा है। इसके तहत गुवाहाटी में ओरियामघाट, भूपेन नारायण सेतु, कालियावोमोरा ब्रिज, बोगीबील ब्रिज, दिखौ मुख, कलोंगमुख और उजानबाजार में सात पर्यटक घाटों का निर्माण किया जाएगा।

श्री सोनोवाल ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान हमारी समृद्ध जलमार्ग प्रणाली पर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया और यह वंचित रही। 2014 से पहले नदी मार्गों के विकास पर ध्यान नहीं देने के बावजूद हमने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की 10 साल की कल्याणकारी सरकार के तहत पर्याप्त प्रगति की है। इस पथ पर आगे बढ़ते हुए इन नई परियोजनाओं के तहत समुद्री बुनियादी ढांचे को और अधिक मजबूत करने पर जोर दिया गयाताकि ब्रह्मपुत्र नदी के माध्यम से व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिल सके। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रेरणादायक नेतृत्व में ब्रह्मपुत्र नदी एक समृद्ध व्यापार और व्यापार मार्ग के रूप में अपने पुराने गौरव को बहाल करने के रास्ते पर है। इससे क्षेत्र के लोगों के लिए बड़े आर्थिक अवसर खुल रहे हैं।

बंदरगाह के बुनियादी ढांचे के विस्तार और 300 एवं 500 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) की क्षमता वाले बड़े बंदरगाहों के विकास की प्राथमिकता के साथ-साथ 2030 तक अंतर्देशीय जल परिवहन की हिस्सेदारी को 5% तक बढ़ाने के लिए समुद्री भारत विजन (एमआईवी) के तहत सरकार ने भारत के लिए एक उज्जवल समुद्री भविष्य को लेकर व्यापक दिशा निर्धारित की है।

गंगा और सुंदरबन के साथ ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों पर पूर्वी ग्रिड के विकास से दक्षिण एशिया और पूर्वी दक्षिण एशिया के साथ क्षेत्रीय एकीकरण और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। पूर्वी ग्रिड 49 बिलियन अमरीकी डॉलर की बहुपक्षीय व्यापार क्षमता को खोल सकता है।

भारत सरकार ने जलमार्गों के विकास पर 1,040 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसके परिणामस्वरूप पूर्वोत्तर क्षेत्र में 20 जलमार्गों का प्रबंधन किया गया है, जो 2014 तक केवल ‘एक’ था। पिछले 9 वर्षों में की गई पहल से इंडो बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट (आईबीपीआर) के माध्यम से माल ढुलाई 170 फीसदी तक बढ़ गई है। यह भी उल्लेखनीय है कि ब्रह्मपुत्र नदी के निकट पांडु में हुगली-कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (एचसीएसएल) के माध्यम से 208 करोड़ रुपये के निवेश से पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहली जहाज मरम्मत की सुविधा विकसित की गई है।

हाल ही में श्री सोनोवाल ने डिब्रूगढ़ के पास बोगीबील में यात्री कार्गो टर्मिनल का उद्घाटन किया। इसे लगभग 50 करोड़ रुपये के निवेश के साथ बनाया गया था। 6.91 करोड़ रुपये के निवेश से सोनामुरा के अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल को विकसित किया गया है। 6.40 करोड़ रुपये के निवेश के साथ करीमगंज और बदरपुर में उन्नत टर्मिनलों को पूरा किया गया है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में जलमार्ग परिवहन और पर्यटन बुनियादी ढांचे में क्रांति लाने के लिए कई परिवर्तनकारी परियोजनाएं निर्धारित की गई हैं। इसमें ₹8.45 करोड़ के कुल निवेश के साथ जोगीघोपा, तेजपुर, बिश्वनाथघाट, नेमाटी, सादिया और बिंदाकोटा में छह पर्यटक घाटों का निर्माण शामिल है। इस वृद्धि को आगे बढ़ाते हुए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा ₹36 करोड़ की लागत से विकसित दो इलेक्ट्रिक कैटामरन को अगस्त 2024 तक गुवाहाटी में तैनात किया जाएगा इससे संचार सुविधाओं में काफी सुधार होगा। इसके अलावा 25 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एनडब्ल्यू-2 और एनडब्ल्यू -16 के लिए 19 यात्री जहाजों के प्रावधान और एनडब्ल्यू-2 में दो पंटून टर्मिनलों के निर्माण ने इस क्षेत्र में संपर्कता को और मजबूत किया। एनईआर में ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा ₹124 करोड़ की लागत से कई महत्वपूर्ण हिस्सों में ड्रेजिंग ऑपरेशन किया जाएगा, जिससे नौवहन सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित होगी। इसके अलावा बैंक सुरक्षा और बोगीबील टर्मिनल पर घाटों का विस्तार और साथ ही बोगीबील में आव्रजन, सीमा शुल्क और आईडब्ल्यूएआई के लिए एक एकीकृत कार्यालय का निर्माण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का संकेत देता है।

भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल (आईबीपी) मार्ग जिसे भारत और बांग्लादेश द्वारा संयुक्त रूप से 305.84 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर विकसित किया गया है। यह सभी पूर्वोत्तर राज्यों के लिए गुवाहाटी और जोगीघोपा से कोलकाता और हल्दिया के बंदरगाहों तक संपर्कता प्रदान करता है। असम में ब्रह्मपुत्र नदी और बराक नदी (एनडब्ल्यू-16) से जुड़ने के लिए जमुना नदी पर सिराजगंज-दियाखोवा (175 किमी) और आईबीपी मार्गों पर कुशियारा नदी के आशुगंज-जकीगंज (295 किमी) को विकसित किया जा रहा है।

एनडब्ल्यू-2 का व्यापक विकास, पांडु में जहाज मरम्मत सुविधा (₹208 करोड़) जोगीघोपा अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल (₹64 करोड़) और और पांडु बंदरगाह से एनएच-27 तक वैकल्पिक सड़क के माध्यम से पांडु बंदरगाह से लास्ट माइल संपर्कता (₹180 करोड़) जैसी चल रही परियोजनाओं के साथ यह क्षेत्र अपने समुद्री क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास और समृद्धि के लिए तैयार है।

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Author: ainewsworld

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