कृषि में अनुकूल रणनीतियों की आवश्यकता, प्राकृतिक आवास, वनस्पति और महत्वपूर्ण जैव संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए संरक्षण प्रयासों को जलवायु परिवर्तन पर पूर्वोत्तर सम्मेलन ): अनुकूलन और लचीलापन पूर्वोत्तर सम्मेलन (नॉर्थ-ईस्ट कॉन्क्लेव-एडेप्टेशन एंड रेसिलिएंस- एनसीसीसीएआर-2024) में उजागर किया गया, जो सभी पूर्वोत्तर राज्यों के विविध हितधारकों के समूहों को एक साथ ले लाया।
जलवायु परिवर्तन के प्रश्नों से निपटने के लिए विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत की अनूठी क्षेत्रीय जलवायु के अनुरूप नवीन समाधानों के विकास को बढ़ावा देने के लिए तेजपुर विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान विभाग में विज्ञानं और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के उत्कृष्टता केंद्र द्वारा इस दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी की गई थी।