नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 67वीं बैठक 12 मार्च, 2024 को नई दिल्ली में उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अपर सचिव श्री राजीव सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। ये बैठक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) की तीन परियोजनाओं और रेल मंत्रालय (एमओआर) की दो परियोजनाओं के मूल्यांकन के लिए बुलाई गई थी।
बैठक में भाग लेने वालों में एनपीजी सदस्य शामिल थे, जो अपने संबंधित अवसंरचना मंत्रालयों में नेटवर्क नियोजन प्रभागों का नेतृत्व करते हैं। इस बैठक में विचार-विमर्श का फोकस व्यापक क्षेत्रीय सामाजिक-आर्थिक उन्नति के लिए पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के अनुरूप नेटवर्क बुनियादी ढांचे की एकीकृत योजना पर केंद्रित था। उपस्थित लोगों में बुनियादी ढांचा मंत्रालयों के अधिकारी और महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम के प्रतिनिधि भी शामिल थे, जहां ये परियोजनाएं कार्यान्वयन के लिए निर्धारित हैं।
महाराष्ट्र में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार में राजमार्ग परियोजनाएं
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की पहली परियोजना डिज़ाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और स्थानांतरण (डीबीएफओटी) के आधार पर सार्वजनिक निजी साझेदारी के माध्यम से महाराष्ट्र के पुणे में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के विकास से संबंधित है। एमएमएलपी अधिक कुशल तरीकों जैसे कि उच्च आकार के ट्रकों और रेल पर माल ढुलाई को सक्षम करने के लिए माल ढुलाई एकत्रीकरण और पृथक्करण केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जिससे माल ढुलाई की दक्षता में सुधार होगा और देश में रसद लागत कम होगी।
दूसरी परियोजना अलीगढ़ से पलवल तक एनएच-334डी खंड को 4-लेन में चौड़ा करने से संबंधित है। इस दूसरी परियोजना का लक्ष्य अलीगढ़ और पलवल जिलों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार करना है, विशेष रूप से जेवर हवाई अड्डे की ओर यातायात को बेहतर बनाना और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना है। इस परियोजना में माल ढुलाई और लोगों की आवाजाही को बेहतर करने के लिए बड़े पुल, छोटे पुल, रेलवे क्रॉसिंग, सर्विस रोड, टोल प्लाजा, ट्रक ले बे और कई अन्य विशेषताएं शामिल हैं।
तीसरी परियोजना में बिहार में अनिशाबाद-औरंगाबाद-हरिहरगंज रोड पर 4 लेन वाला एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण शामिल है। राष्ट्रीय राजमार्ग-139 पर निर्माण होने वाली इस परियोजना का उद्देश्य एम्स सहित पटना शहर के प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ने वाली मौजूदा 4-लेन सड़क पर यातायात की भीड़ को कम करना है। 9 किलोमीटर तक फैले प्रस्तावित इस एलिवेटेड कॉरिडोर में 8.3 किलोमीटर का फ्लाईओवर शामिल है, जिसमें फुटपाथ, नाली और उपयोगिता गलियारे के साथ 4-लेन की ग्रेड सड़क है, जो निर्बाध यातायात सुनिश्चित करती है।
असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच नई बड़ी लाइन (बीजी) और बिहार में रेल खंड का दोहरीकरण
यह नई बड़ी लाइन परियोजना एक ग्रीनफील्ड पहल के रूप में सामने आती है, जो डुमडुमा (असम) से परशुरामकुंड होते हुए पासीघाट (अरुणाचल प्रदेश) तक 218 किमी की दूरी तय करती है। इस परियोजना का रणनीतिक महत्व है, क्योंकि यह ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर और दक्षिण तटों को पाटकर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी। इस परियोजना से असम के तिनसुकिया जिले और अरुणाचल प्रदेश के नामसाई, पूर्वी सियांग, लोअर दिबांग घाटी और लोहित जिलों में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलना तय है। इस परियोजना से क्षेत्र में यात्री और माल ढुलाई में आसानी होने की आशा है।
पूर्व मध्य रेलवे के तहत 255 किलोमीटर लंबे नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढी-मुजफ्फरपुर रेलवे खंड के दोहरीकरण से खंड की क्षमता बढ़ेगी और ये दिल्ली से गुवाहाटी तक एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करेगा। इस खंड के दोहरीकरण से क्षेत्र से पारगमन में कमी के साथ-साथ माल/यात्री यातायात से राजस्व में वृद्धि होगी।
इन परियोजनाओं का उद्देश्य परिवहन के विभिन्न तरीकों को एकीकृत करके राष्ट्र-निर्माण में योगदान देना, पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करना और इन क्षेत्रों के समग्र विकास में योगदान देना है।