रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) प्रौद्योगिकी से लैस स्वदेश में विकसित अग्नि-5 मिसाइल का प्रथम सफल उड़ान परीक्षण किया। ‘मिशन दिव्यास्त्र ‘नामक यह उड़ान परीक्षण ओडिशा के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। विभिन्न टेलीमेट्री और रडार स्टेशनों ने अनेक री-एंट्री व्हीकल्स को ट्रैक और मॉनिटर किया। इस मिशन ने निर्दिष्ट मानकों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस जटिल मिशन के संचालन में भाग लेने वाले डीआरडीओ के वैज्ञानिकों के प्रयासों की अत्यंत सराहना की। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘मिशन दिव्यास्त्र के लिए डीआरडीओ के हमारे वैज्ञानिकों पर गर्व है जो मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) प्रौद्योगिकी से लैस स्वदेश में विकसित अग्नि-5 मिसाइल का प्रथम उड़ान परीक्षण है।’
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने भी इसे असाधारण कामयाबी बताते हुए संबंधित वैज्ञानिकों और पूरी टीम को बधाई दी है।