प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज असम के जोरहाट में 17,500 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं आधारशिला रखी और इनका उद्घाटन करते हुए उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। आज की विकास परियोजनाओं में स्वास्थ्य, तेल और गैस, रेल और आवास के क्षेत्र शामिल हैं।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित विशाल भीड़ के लिए आभार व्यक्त किया और राज्य के 200 विभिन्न स्थानों से 2 लाख लोगों के शामिल होने की भी सराहना की। श्री मोदी ने कोलाघाट के लोगों द्वारा हजारों दीये जलाने का भी उल्लेख किया और कहा कि लोगों का प्यार और स्नेह उनकी सबसे बड़ी संपत्ति है। उन्होंने आज स्वास्थ्य, आवास और पेट्रोलियम क्षेत्रों से संबंधित लगभग 17,500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए उन्हें राष्ट्र को समर्पित करके असम के विकास को गति देने की पुष्टि की।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने इसे एक अद्वितीय राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य कहा और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की जैव विविधता और अनोखे ईकोसिस्टम के आकर्षण को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “70 फीसदी एक सींग वाले गैंडे काजीरंगा में हैं।” उन्होंने दलदली हिरण, बाघ, हाथी और जंगली भैंसे जैसे वन्यजीवों को खोजने के अनुभव के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे लापरवाही और आपराधिक सहयोग के कारण गैंडा लुप्त होने की कगार पर है और उन्होंने 2013 में एक ही वर्ष में 27 गैंडों के शिकार को याद किया। सरकार के प्रयासों से 2022 में गैंडों के शिकार की संख्या शून्य हो गई। काजीरंगा के स्वर्ण जयंती वर्ष पर असम के लोगों को बधाई देते हुए, प्रधानमंत्री ने नागरिकों से राष्ट्रीय उद्यान का दौरा करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने आज वीर लाचित बोरफुकन की भव्य प्रतिमा के अनावरण का जिक्र किया और कहा, ”वीर लाचित बोरफुकन असम के शौर्य और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं।” उन्होंने 2002 में नई दिल्ली में उनकी 400वीं जयंती बड़े धूमधाम और सम्मान के साथ मनाए जाने को भी याद किया और बहादुर योद्धा को नमन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”विकास भी और विरासत भी” हमारी डबल इंजन सरकार का मंत्र रहा है। उन्होंने कहा कि असम ने बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और ऊर्जा क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की है। एम्स, तिनसुकिया जैसे स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे उन्होंने कहा, जोरहाट में मेडिकल कॉलेज, शिव सागर मेडिकल कॉलेज और कैंसर अस्पताल असम को पूरे पूर्वोत्तर के लिए एक चिकित्सा केंद्र बनाएंगे।
प्रधानमंत्री ने पीएम ऊर्जा गंगा योजना के तहत बरौनी-गुवाहाटी पाइपलाइन को राष्ट्र को समर्पित करने का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि गैस पाइपलाइन पूर्वोत्तर ग्रिड को राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ेगी और 30 लाख घरों और 600 से अधिक सीएनजी स्टेशनों को गैस की आपूर्ति करने में मदद करेगी, जिससे बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के 30 से अधिक जिलों के लोगों को लाभ होगा।
डिगबोई रिफाइनरी और गुवाहाटी रिफाइनरी के विस्तार के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने असम में रिफाइनरियों की क्षमता का विस्तार करने की लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को नजरअंदाज कर दिया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान सरकार के प्रयासों से असम में रिफाइनरियों की कुल क्षमता अब दोगुनी हो जाएगी जबकि नुमालीगढ़ रिफाइनरी की क्षमता तीन गुना हो जाएगी। उन्होंने कहा, “किसी भी क्षेत्र का विकास तब तीव्र गति से होता है जब विकास के इरादे मजबूत हों।”
उन्होंने उन 5.5 लाख परिवारों को बधाई दी, जिन्हें आज अपना पक्का घर मिला है। उन्होंने कहा कि ये घर सिर्फ घर नहीं हैं बल्कि शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली और पाइप पानी कनेक्शन जैसी सुविधाओं से सुसज्जित हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 18 लाख परिवारों को ऐसे घर मुहैया कराए जा चुके हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि इनमें से ज्यादातर घर महिलाओं के नाम पर हैं।
असम की हर महिला के जीवन को आसान बनाने और उनकी बचत में सुधार करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, प्रधानमंत्री ने कल महिला दिवस पर गैस सिलेंडर की कीमत 100 रुपये कम करने के फैसले का उल्लेख किया। आयुष्मान कार्ड जैसी योजनाओं से भी महिलाओं को लाभ मिल रहा है। जल जीवन मिशन के तहत, असम में 50 लाख से अधिक घरों को पाइप से पानी का कनेक्शन मिला है। उन्होंने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।
2014 के बाद असम में हुए ऐतिहासिक परिवर्तनों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने 2.5 लाख से अधिक भूमिहीन मूल निवासियों को भूमि अधिकार प्रदान करने और लगभग 8 लाख चाय बागान श्रमिकों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने का उल्लेख किया, जिससे सरकारी लाभ सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित हो सके। प्रधानमंत्री ने कहा, इससे बिचौलियों के लिए सभी दरवाजे बंद हो गए।
प्रधानमंत्री ने कहा, “विकसित भारत के लिए पूर्वोत्तर का विकास जरूरी है।” उन्होंने आगे कहा, “मोदी पूरे पूर्वोत्तर को अपना परिवार मानते हैं। इसीलिए हम उन परियोजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो वर्षों से लंबित पड़ी हैं”। उन्होंने 2014 में पूर्वोत्तर में 1 परियोजना के मुकाबले अब 18 परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए सरायघाट पर पुल, ढोला-सदिया पुल, बोगीबील पुल, बराक घाटी तक रेलवे ब्रॉडगेज का विस्तार, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, जोगीघोपा, ब्रह्मपुत्र नदी पर दो नए पुलों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं ने क्षेत्र में नई संभावनाएं पैदा कीं। उन्होंने उन्नति योजना का भी जिक्र किया जिसे पिछली कैबिनेट बैठक में विस्तारित दायरे के साथ नये स्वरूप में मंजूरी दी गयी थी। कैबिनेट ने जूट के एमएसपी में भी बढ़ोतरी की है जिससे राज्य के जूट किसानों को फायदा होगा।
प्रधानमंत्री ने लोगों के प्यार और स्नेह के लिए आभार जताया और कहा कि हर भारतीय उनका परिवार है। प्रधानमंत्री ने कहा, “लोगों का प्यार मोदी को न केवल इसलिए मिलता है क्योंकि उनका मानना है कि भारत के 140 करोड़ नागरिक उनका परिवार हैं, बल्कि इसलिए भी कि वह दिन-रात उनकी सेवा कर रहे हैं”। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का अवसर इसी विश्वास का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने आज की विकास परियोजनाओं के लिए नागरिकों को बधाई देते हुए समापन किया और इस दौरान ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंजते रहे।
इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।