भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने गांवों में सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के प्रयास को लेकर पूरे देश में ग्राम पंचायत अध्यक्षों और सचिवों को संवेदनशील बनाने के लिए एक व्यापक पहल की है।
भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय- बीआईएस, मानकों को तैयार करने और उत्पादों व सेवाओं के अनुपालन मूल्यांकन करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बीआईएस ने इस आउटरीच कार्यक्रम की शुरुआत नागरिकों के कल्याण, पर्यावरण और उत्पादों व सेवाओं की समग्र गुणवत्ता के लिए भारतीय मानकों के अनुपालन के महत्व को स्वीकार करते हुए की है।
इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य ग्राम पंचायतों के बीच भारतीय मानकों के अनुपालन के महत्व की समझ उत्पन्न करना और ग्रामीण स्तर पर सरकारी कार्यक्रमों व योजनाओं को कार्यान्वित करते समय इन मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना है। इसके अलावा इसका लक्ष्य ग्राम पंचायतों में मानकीकरण की संस्कृति और भारतीय मानकों के अनुरूप उत्पादों के उपयोग के लाभों को बढ़ावा देना है, जो जमीनी स्तर पर विभिन्न सरकारी पहलों के कार्यान्वयन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
बीआईएस ने इस संबंध में पूरे देश की सभी 2.4 लाख ग्राम पंचायतों को सूचित किया है। ग्राम पंचायतों को विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित महत्वपूर्ण और उपयोगी भारतीय मानकों की पुस्तिका प्रदान की गई हैं। इनमें पंचायतों की ओर से विभिन्न राज्य और केंद्र सरकार के कार्यक्रमों व योजनाओं को कार्यान्वित करने के दौरान इन मानकों के अनुपालन के महत्व को रेखांकित किया गया है। बीआईएस के महानिदेशक श्री प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा, “भारत की दो-तिहाई आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। इसे देखते हुए यह जरूरी है कि वास्तविक बदलाव लाने के लिए हमें जमीनी स्तर पर काम करना चाहिए। ग्राम पंचायतों के लिए बीआईएस संवेदीकरण कार्यक्रम देश में गुणवत्ता जागरूकता के लिए परिवर्तन के वाहक हैं और हम आशा करते हैं कि जल्द ही सभी ग्राम पंचायतों इनके तहत कवर कर लिया जाएगा।”