शहरी गैस वितरण (सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन-सीजीडी) नेटवर्क के विकास के लिए देश के क्षेत्र में 100% कवरेज प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने आज यहां सीजीडी बोली के 12वें दौर के लिए आयोजित एक समारोह की मेजबानी की। इस कार्यक्रम का उद्घाटन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और आवास और शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री तरूण कपूर, पीएनजीआरबी के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार जैन, बोर्ड के सदस्यों और पीएनजीआरबी के सचिव की उपस्थिति में किया। इसमें देश के तेल और गैस क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों और 12वें सीजीडी बोली दौर के सफल बोलीदाताओं की बड़ी उपस्थिति थी।
इस के दौरान, श्री हरदीप सिंह पुरी ने सीजीडी बोली के 12वें दौर के सफल बोलीदाताओं को उनके संबंधित भौगोलिक क्षेत्रों के लिए आशय पत्र वितरित किया। मंत्री महोदय ने एक सुदृढ़ तेल और गैस बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) और सफल बोलीदाताओं के प्रयासों को स्वीकार किया। मंत्री महोदय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ने अंतिम उपभोक्ता को स्थिर मूल्य पर प्राकृतिक गैस उपलब्ध कराने के लिए अगले छह वर्षों में प्राकृतिक गैस क्षेत्र में 67 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने आगे कहा कि हाल के वर्षों में देश में प्राकृतिक गैस को बढ़ावा देने के लिए नीति और नियामक ढांचे के माध्यम से सहायता प्रदान की गई है।
श्री पुरी ने बताया कि सरकार द्वारा नियोजित वर्तमान मौजूदा उपायों से प्राकृतिक गैस की खपत में 2030 तक तीन गुना यानी 185 मिलियन मीट्रिक मानक घन मीटर प्रति दिन(एमएमएससीएमडी) से 500 एमएमएससीएमडी तक वृद्धि होगी और इससे प्राकृतिक गैस पर निर्भर सहायक उद्योगों को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। मंत्री जी ने एकीकृत टैरिफ सुधार लाने के लिए पीएनजीआरबी की सराहना की, जिससे विशेष रूप से देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के ग्राहकों को लाभ होगा।
12वें सीजीडी बोली दौर के बारे में विस्तार से विवरण देते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि 12वें बोली दौर में पूर्वोत्तर के 06 राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, सिक्किम और मिजोरम और 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर लद्दाख को कवर करते हुए कुल 8 भौगोलिक क्षेत्रों का प्रस्ताव किया गया था। इस दौर में कुल मिलाकर 103 जिले शामिल हुए। उन्होंने कहा कि “इस दौर के बाद, पूरे देश में (द्वीपों को छोड़कर) सिटी गैस वितरण नेटवर्क के विकास के लिए प्राधिकरण प्रदान किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि 12वें सीजीडी बोली दौर के लिए अनुमानित निवेश रु. 41,000 करोड़ से रोजगार के बड़े अवसर पैदा हो रहे हैं।
देश के प्राकृतिक गैस बुनियादी ढांचे की एक तात्कालिक त्वरित झलक देते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि देश में 33,753 किलोमीटर से अधिक प्राकृतिक गैस ट्रंक पाइपलाइन अधिकृत हैं, जिनमें से लगभग 24,623 किलोमीटर पाइपलाइन वर्तमान में चालू हैं। उन्होंने कहा कि देश में 300 भौगोलिक क्षेत्र (जीएएस अधिकृत हैं, जो सीजीडी नेटवर्क के विकास के लिए 98% जनसंख्या और 88% क्षेत्र को कवर करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि “देश में अब तक 1.21 करोड़ घरेलू पीएनजी कनेक्शन और 6,258 सीएनजी स्टेशन स्थापित किए गए हैं और यह सब भारत के मजबूत गैस ग्रिड के कारण संभव हो सका है।
जन समुदाय को संबोधित करते हुए, पीएनजीआरबी के अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार जैन ने पूरे देश में एक जीवंत और टिकाऊ गैस बुनियादी ढांचे के निर्माण पर वर्तमान फोकस को स्पष्ट किया जिसमे इन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए इस बोली दौर की शुरुआत इन क्षेत्रों के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर स्वच्छ ईंधन प्रदान करने के लिए एक रणनीतिक कदम को दर्शाती है। डॉ. जैन ने आगे बताया कि इन राज्यों में कंप्रेस्ड नेचुरल गैस- सीएनजी) की अत्यधिक संभावनाएं हैं। इस संबंध में, पूर्वोत्तर गैस ग्रिड और गुरदासपुर-जम्मू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का विकास, जिन्हें अब अधिकृत किया गया है, प्राकृतिक गैस नेटवर्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।