नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए), नयी दिल्ली,में विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी और श्रीलंका सरकार के जल आपूर्ति और संपदा अवसंरचना विकास मंत्री श्री जीवन थोंडामन के साथ संयुक्त रूप से मनोरम प्रदर्शनी, रामायणम चित्र काव्यम का उद्घाटन किया।
एनजीएमए के महानिदेशक डॉ संजीव किशोर गौतम की उपस्थिति से सुशोभित उद्घाटन कार्यक्रम ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान और कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण प्रगति को चिह्नित किया। रामायणम चित्र काव्यम, एक ऐसी प्रदर्शनी है, जिसका उद्देश्य भारत की समृद्ध कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाना है, जो समकालीन दर्शकों और आने वाली पीढ़ियों को कला और संस्कृति से अवगत करायेगी।
एनजीएमए कई संगठनों और निजी संग्रहों के साथ सहयोग करते हुये, कलात्मक उत्कृष्ट कृतियों की एक श्रृंखला के माध्यम से कालातीत महाकाव्य, रामायण की एक गतिशील दृश्य कथा प्रस्तुत करता है। चित्रकारी से लेकर वस्त्र, मूर्तियों से लेकर छाया कठपुतलियाँ और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों से तैयार किये गये गहन कला प्रतिष्ठान, प्रदर्शनी एक विविध और गहन अनुभव प्रदान करती है।
इस अवसर पर विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि रामायण पूरे दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र को जोड़ने वाली शक्ति है। दुनिया भर में, खासकर दक्षिण पूर्व एशिया में, रामायण की छाप भव्य और निर्विवाद रही है। रामायण एक कालजयी ग्रंथ है जो ज्ञान, सदाचार और नैतिक मार्गदर्शन का प्रतीक है। रामायण सांस्कृतिक मूल्यों का भंडार है , जो समय और स्थान से परे है, जो मानवता की साझा समझ में विविध सभ्यताओं को जोड़ता है।
मंत्री महोदया ने श्रीलंका के साथ रामायण के संबंध पर प्रकाश डाला, जहां अशोक वाटिका जैसे स्थल भगवान राम की यात्रा की गाथा में डूबे हुये हैं।
माननीय मंत्री श्रीमती लेखी ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय एकीकरण (सारी) की प्रासंगिकता पर भी प्रकाश डाला। सारी दक्षिण एशिया में साझा विरासत और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक बन गयी है, जिसमें प्रत्येक क्षेत्र सारी में अपना अनूठा स्पर्श जोड़ता है, जिसमें स्थानीय रूपांकनों, बुनाई तकनीकों और ड्रेपिंग शैलियों को शामिल किया जाता है।
श्रीलंका सरकार के जल आपूर्ति और संपदा अवसंरचना विकास मंत्री, श्री जीवन थोंडामन ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि वह देख पाये कि कैसे कला सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में एक गतिशील और प्रभावशाली शक्ति के रूप में कार्य करती है।
असाधारण प्रदर्शनों के माध्यम से, कोई देख सकता है कि कैसे रामायण श्रीलंका और भारत दोनों के लिये एक आम सांस्कृतिक कथा के रूप में कार्य करती है और एक साझा सांस्कृतिक चेतना में योगदान करती है, समझ को सुविधाजनक बनाती है और संबंधों को मजबूत करती है। विषय-वस्तु, पात्र और घटनायें एक सामान्य सांस्कृतिक सूत्र प्रदान करते हैं, जो लोगों को सीमाओं के पार जोड़ता है, साझा इतिहास और पहचान की भावना को बढ़ावा देता है।
श्रीलंका सरकार के जल आपूर्ति और संपदा अवसंरचना विकास मंत्री, श्री जीवन थोंडामन ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि वह देख पाये कि कैसे कला सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में एक गतिशील और प्रभावशाली शक्ति के रूप में कार्य करती है।
असाधारण प्रदर्शनों के माध्यम से, कोई देख सकता है कि कैसे रामायण श्रीलंका और भारत दोनों के लिये एक आम सांस्कृतिक कथा के रूप में कार्य करती है और एक साझा