कोयला मंत्रालय में सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने चेन्नई में खनन उपकरण के लिए मेक इन इंडिया पहल पर हितधारकों की बैठक को संबोधित किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री मीणा ने जोर देते हुए कहा कि देश में भारी अर्थ मूविंग मशीनरी और भूमिगत खनन मशीनरी बनाने के संबंध में भारतीय और विदेशी निर्माताओं के लिए अपार संभावनाएं हैं।
मेक इन इंडिया भारत सरकार की एक ऐसी पहल है जो भारत में उत्पादों के निर्माण, विकास और भारत में बने पुर्जो को आपस में जोड़कर नए उत्पाद विकसित करने के लिए कंपनियां बनाने और उन्हें प्रोत्साहित करने का काम करता है। यह विनिर्माण में निवेश को प्रोत्साहित करने की पहल है। इसके पीछे नीतिगत दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी ढाँचा विकसित करना और विदेशी पूंजी के लिए नए क्षेत्रों को खोलना है। इस पहल ने रोजगार सृजन और कौशल वृद्धि के लिए 25 आर्थिक क्षेत्रों को लक्षित किया, और इसका उद्देश्य “भारत को एक वैश्विक डिजाइन और विनिर्माण निर्यात केंद्र में बदलना” है।
“मेक इन इंडिया” पहल के तीन घोषित उद्देश्य है:
- विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर को 12-14% प्रति वर्ष तक बढ़ाना;
- विनिर्माण क्षेत्र में 10 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां पैदा करना;
- सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान बढ़ाना सुनिश्चित करना।
कोयला सचिव ने सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने में कोयला उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने भारत में कोयला क्षेत्र के भीतर बुनियादी ढांचे के विकास, तकनीकी नवाचार और निवेश के अवसरों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्र के सतत विकास और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों हितधारकों से आवश्यक सहयोगात्मक प्रयास करने पर जोर दिया।
कोयला सचिव श्री मीणा ने बीईएमएल, कैटरपिलर, टाटा-हिताची, कोमात्सु, एलएंडटी, गेनवेल और प्रमुख असेंबली/पार्ट्स निर्माताओं सहित विभिन्न उपकरण निर्माताओं के को संबोधन के दौरान साझेदारी को प्रोत्साहित किया। उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि देश के भीतर अपनी विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करके नवाचार और उत्पादकता को बढ़ावा दें। उन्होंने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने और खनन क्षेत्र के लिए आवश्यक मेक इन इंडिया उपकरण निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।