केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री, श्री प्रह्लाद जोशी ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में कोयला मंत्रालय के संरक्षण में भारतीय राष्ट्रीय समिति विश्व खनन कांग्रेस द्वारा आयोजित “कोयला रसद योजना और नीति” नामक एक महत्वपूर्ण पहल का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री प्रह्लाद जोशी ने 2030 तक 980 एमटी से 1.5 बीटी तक बढ़ने की अनुमानित ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए कुशल रसद की अनिवार्य आवश्यकता को रेखांकित किया। कोयला रसद योजना में एफएमसी परियोजनाओं में रेलवे-आधारित प्रणाली की दिशा में एक रणनीतिक बदलाव का प्रस्ताव है, जिसका उद्देश्य रेल रसद लागत में 14 प्रतिशत की कमी करना और 21,000 करोड़ रुपये की वार्षिक लागत बचत करना शामिल है। उन्होंने फर्स्ट-माइल संपर्क के माध्यम से रेलवे नेटवर्क क्षमता बढ़ाने पर बल दिया। इस परिवर्तनकारी दृष्टिकोण के माध्यम से वायु प्रदूषण में कमी लाने, यातायात की भीड़ में कमी लाने और कार्बन उत्सर्जन को लगभग 100,000 टन प्रति वर्ष कम करने का अनुमान है। इसके अलावा, पूरे देश में वैगनों के औसत टर्नअराउंड समय में 10 प्रतिशत की बचत होने का अनुमान है।