केरल राज्य सहित देश के विभिन्न हिस्सों से जंगली जानवरों के हमलों की घटनाएं सामने आई हैं। वन्यजीवों की सुरक्षा और मानव-वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में निम्नलिखित शामिल हैं:
जंगली जानवरों और उनके आवासों को संरक्षित करने के लिए वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत पूरे देश में महत्वपूर्ण वन्यजीव आवासों को कवर करने वाले संरक्षित क्षेत्रों जैसे राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, संरक्षण रिजर्व और सामुदायिक रिजर्व का एक नेटवर्क बनाया गया है।
केंद्र सरकार देश में वन्यजीवों और उनके आवास के प्रबंधन के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं ‘वन्यजीव आवासों का विकास, ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ और ‘प्रोजेक्ट हाथी’ के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। योजना के तहत समर्थित गतिविधियों में फसल के खेतों में जंगली जानवरों के प्रवेश को रोकने के लिए भौतिक बाधाओं जैसे कांटेदार तार की बाड़, सौर ऊर्जा संचालित बिजली की बाड़, कैक्टस का उपयोग करके जैव-बाड़ लगाना, चारदीवारी आदि का निर्माण शामिल है;
फरवरी 2021 में मंत्रालय द्वारा मानव-वन्यजीव संघर्ष से निपटने के लिए एक परामर्श जारी किया गया। परामर्श में समन्वित अंतरविभागीय कार्रवाई, अति संघर्ष के स्थानों की पहचान, मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन, त्वरित प्रतिक्रिया टीमों की स्थापना, राज्य और जिला स्तर के गठन की सिफारिश की गई है। समितियां अनुग्रह राहत की मात्रा की समीक्षा करेंगी, त्वरित भुगतान के लिए मार्गदर्शन/निर्देश जारी करेंगी, और मृत्यु और चोट के मामले में प्रभावित व्यक्तियों को 24 घंटे के भीतर अनुग्रह राहत के उपयुक्त हिस्से का भुगतान करने के लिए पर्याप्त धन का प्रावधान करेंगी।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने फसलों को नुकसान सहित मानव वन्यजीव संघर्ष के प्रबंधन पर 3 जून, 2022 को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। इसमें वन सीमांत क्षेत्रों में जंगली जानवरों के लिए अरुचिकर फसलों को बढ़ावा देना शामिल है जैसे कृषि वानिकी मॉडल, जिसमें नकदी फसलें जैसे मिर्च, नींबू घास, खस घास आदि शामिल हैं, जिन्हें पेड़/झाड़ी प्रजातियों के साथ उपयुक्त रूप से मिश्रित करके लगाया जाता है। इसमें असुरक्षित क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के तहत राज्य कृषि/बागवानी विभाग द्वारा वैकल्पिक फसल के लिए व्यापक दीर्घकालिक योजना की तैयारी और कार्यान्वयन भी शामिल है।