16 फरवरी को वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-आईआईसीटी हैदराबाद में एक विशेष शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इसमें विभिन्न स्कूलों के 60 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का विषय ‘तकनीकी हस्तक्षेपों के माध्यम से वैज्ञानिक प्रकृति का विस्तार करना’ था। यह केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के सहयोग से केएएमपी का चौथा सतत व्यावसायिक विकास कार्यक्रम था। इसमे भाग लेने वाले शिक्षाविद् विज्ञान शिक्षा के विभिन्न आयामों को शामिल करते हुए व्यापक प्रशिक्षण सत्रों में भाग लेते हैं।
इस कार्यक्रम के माध्यम से, शिक्षकों को विभिन्न वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं से विचार-विमर्श और सीखने का अवसर मिला। कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख शिक्षाविद्- डॉ. अरविंद चिंचुरे (सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, पुणे में नवाचार और उद्यमिता के अध्यक्ष प्रोफेसर), डॉ. सोमदत्त कारक (विज्ञान संचार और आउटरीच अधिकारी), सीएसआईआर-सीसीएमबी, डॉ. जगदीश एन (प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईआईसीटी), डॉ. एस. श्रीधर (मुख्य वैज्ञानिक, सीएसआईआर-आईआईसीटी) और डॉ. जे. वत्सलारानी, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और सीएसआईआर-जिज्ञासा समन्वयक, सीएसआईआर-आईआईसीटी) शामिल थे।
कार्यशाला के अंत में, शिक्षकों को सीएसआईआर-आईआईसीटी परिसर की प्रयोगशाला का दौरा कराया गया, शिक्षकों ने यहां एनारोबिक गैस लिफ्ट रिएक्टर प्रौद्योगिकी, जल शोधन प्रौद्योगिकी और फेरोमोन प्रौद्योगिकी के संबंध में व्यावहारिक तरीके से जानकारी हासिल की।
सत्र के अंत में, श्री अनिकेत अरोड़ा (आउटरीच समन्वयक, केएएमपी) ने डॉ. डी. श्रीनिवास रेड्डी (निदेशक, सीएसआईआर-आईआईसीटी), डॉ. जे. वत्सलारानी (वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और सीएसआईआर-जिज्ञासा समन्वयक), सीएसआईआर-आईआईसीटी, हैदराबाद और उनकी पूरी टीम के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस तरह के आयोजनों के महत्व का भी उल्लेख किया और इस तरह की शिक्षा, शिक्षकों और छात्रों की भारत में विज्ञान और अन्य विकास के प्रति गहरी रुचि और समझ को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने शिक्षकों को आगामी गतिविधियों जैसे ऑनलाइन ज्ञान साझाकरण सत्र, छात्रों के लिए वैज्ञानिक भ्रमण के साथ-साथ विभिन्न प्रतिष्ठित सीएसआईआर संस्थानों में विभिन्न वैज्ञानिक विषयों के अनुसंधान हेतु शिक्षकों के लिए सतत व्यावसायिक विकास की जानकारी दी।