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भारत- संयुक्त अरब अमीरात बिजनेस शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया

वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन 2024 के हिस्से के रूप में भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए 10 जनवरी 2024 को भारत-यूएई बिजनेस शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया।

संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन 2024 में मुख्य अतिथि रहें, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग और संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर देते हैं। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि भारत-यूएई संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत उनके विचारों और प्रयासों की सराहना करता है।

भारत-यूएई बिजनेस शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य, सार्वजनिक वितरण तथा वस्‍त्र मंत्री (भारत) श्री पीयूष गोयल, महामहिम डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ायौदी विदेश व्यापार राज्य मंत्री अर्थव्यवस्था मंत्रालय (यूएई) के मुख्य भाषण शामिल रहें। गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र रजनीकांत पटेल ने भी विशेष संबोधन दिया।

श्री पीयूष गोयल, महामहिम डॉ. थानी बिन अहमद अल जायोदी और श्री भूपेन्द्र रजनीकांत पटेल ने उद्घाटन सत्र के एक हिस्से के रूप में औपचारिक रूप से यूएई-भारत सीईपीए काउंसिल (यूआईसीसी) वेबसाइट भी लॉन्च की। इस सत्र में भारत के तेजी से बढ़ते स्टार्टअप परिदृश्य पर भी प्रकाश डाला गया जिसमें श्री कुणाल बहल, अध्यक्ष – भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) नेशनल स्टार्टअप काउंसिल और सह-संस्थापक – स्नैपडील और टाइटन कैपिटल के संबोधन शामिल रहें।

शिखर सम्मेलन के दौरान सीआईआई इंडिया-संयुक्त अरब अमीरात स्टार्ट-अप पर “अनलॉकिंग आपर्टूनटीज इंडिया-यूएई स्टार्ट-अप इकोसिस्टम कन्वर्जेंस” नामक पहल की भी शुरुआत की गई। इस उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता सीआईआई के अध्यक्ष और टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस लिमिटेड के अध्यक्ष श्री आर दिनेश ने की और इसमें महामहिम सुल्तान अहमद बिन सुलेयम, मुख्य कार्यकारी अधिकारी – डीपी वर्ल्ड और एमए यूसुफ अली, अध्यक्ष लुलु ग्रुप इंटरनेशनल के संबोधन भी शामिल थे, जिन्होंने भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश बढ़ाने में अपनी रुचि का उल्लेख किया।

भारत-यूएई बिजनेस शिखर सम्मेलन में व्यापार वित्त, निवेश सुविधा और क्षेत्रीय सहयोग जैसे क्षेत्रों में अधिक सहयोग के लिए एक केंद्रित चर्चा सत्र की भी सुविधा प्रदान की गई। भारतीय और यूएई प्रतिनिधिमंडल में दोनो सरकार और उद्योग के प्रतिनिधि शामिल थे। इस सत्र में भारत मार्ट की एक प्रस्तुति भी शामिल रहीं जो भारतीय निर्यातकों को सहायता प्रदान करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में भारत द्वारा प्रस्तावित भंडारण सुविधा है।

भारत-यूएई व्यापार 2022 में बढ़कर 85 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जिससे संयुक्त अरब अमीरात वर्ष 2022-23 के लिए भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार हो गया और भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य भी बन गया। फरवरी 2022 में, भारत ऐसा पहला देश बन गया जिसके साथ संयुक्त अरब अमीरात ने एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं। 1 मई 2022 को सीईपीए के लागू होने के बाद से द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

सीईपीए एक ऐतिहासिक समझौता था, जिसे दोनो देशों के बीच सहयोग के एक नए युग को शुरू करने और दीर्घकालिक सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए बनाया गया था। इससे 80 प्रतिशत से अधिक उत्पाद लाइनों पर टैरिफ को कम करने, व्यापार में बाधाओं को समाप्त करने और निवेश और संयुक्त उद्यमों के लिए नए मार्गों का सृजन करने में मदद मिली है। सीईपीए के पहले 12 महीनों में, द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार बढ़कर 50.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 5.8 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। दोनों देश 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के गैर-तेल व्यापार के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

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Author: ainewsworld

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