‘चन्द्रमा पर चहलकदमी से सौर नृत्य तक (फ्रॉम मूनवॉक टू सन डांस), आदित्य एल1 एक के बाद एक, त्वरित सफलता की तीन कहानियों के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सफलता की त्रयी …. चंद्रयान 3, एक्सपीओसैट और लैग्रेंज बिंदु पर आदित्य एल1 को चिह्नित करता है ।
आदित्य एल1 के लैग्रेंज बिंदु पर अपने निर्धारित गंतव्य पर पहुंचने के तुरंत बाद केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की यह पहली प्रतिक्रिया थी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष में बड़ी संख्या में उपग्रहों के कारण सूर्य की घटनाओं के अध्ययन में भारत की भी विशेष हिस्सेदारी है। सौर घटना की समझ कितनी महत्वपूर्ण है, इसे रेखांकित करने के लिए मंत्री महोदय ने प्रक्षेपण के एक दिन बाद सौर तूफान की चपेट में आने के बाद निजी अंतरिक्ष अन्वेषण कंपनी स्पेसएक्स के एक बार में 40 उपग्रहों को खोने का उदाहरण भी लिया। मिशन के महत्व को इंगित करते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि अंतरिक्ष अन्वेषण क्षेत्र के सभी वैज्ञानिक आदित्य एल1 मिशन के संदेशों (इनपुट्स) की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि आदित्य एल 1 मिशन न केवल स्वदेशी है, बल्कि चंद्रयान की तरह ही एक बहुत ही लागत प्रभावी मिशन है, जिसका बजट केवल 600 करोड़ रूपये थाI डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भले ही देश में प्रतिभा की कभी कमी नहीं थी, लेकिन उन्हें सक्षम वातावरण देने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही हो पाया ।

Author: ainewsworld



